लखनऊ कोर्ट ने दिया आदेश, कहा- 'डांसर सपना चौधरी को गिरफ्तार कर पेश करो'

मशहूर डांसर सपना चौधरी की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ गई हैं। लखनऊ की कोर्ट ने सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। एसीजेएम शांतनु त्यागी ने डांसर को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश देते हुए सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है। एसीजेएम कोर्ट ने आदेश में साफ कहा है कि सपना चौधरी को गिरफ्तार कर पेश किया जाए। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है।
सपना चौधरी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें!
डांस का कार्यक्रम रद्द करने व टिकट का पैसा भी वापस नहीं करने के एक मामले में गैरहाजिर रहने पर अदालत ने मशहूर डांसर सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। इससे पहले 10 मई को अभियुक्ता सपना चौधरी ने आत्मसमर्पण किया था व अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी। अदालत ने अंतरिम जमानत मंजूर कर लिया था। फिर आठ जून को सपना चौधरी की नियमित जमानत अर्जी भी सर्शत मंजूर हुई थी।
इसके बाद कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए सोमवार की तारीख तय की थी, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुईं। सपना की तरफ से हाजिरी माफी की अर्जी भी नहीं दी गई, जबकि अन्य अभियुक्तों की ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सपना चौधरी को गिरफ्तार कर पेश करने का आर्डर दे दिया।
सपना चौधरी पर क्यों हुआ केस?
आपको बता दे, ये पूरा मामला तीन साल पहले का है. न्यूज एजेंसी के अनुसार, 13 अक्टूबर 2018 को दोपहर तीन बजे से रात 10 बजे तक स्मृति उपवन में सपना चौधरी का डांस शो समेत अन्य कार्यक्रम थे, जिसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट 300 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से बेचे गए थे। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों टिकट धारक मौजूद थे, लेकिन रात 10 बजे तक सपना चौधरी नहीं आईं।

इसपर लोगों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद टिकट धारकों का पैसा भी वापस नहीं किया गया। जिसके बाद, सपना चौधरी के खिलाफ 13 अक्टूबर 2018 को लखनऊ के आशियाना थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। आयोजकों का कहना था कि सपना चौधरी ने डांस शो के नाम पर लाखों रुपए जमा करवा लिए। उसके बाद कार्यक्रम में नहीं आईं और शो रद्द कर दिया था। आयोजकों ने सपना पर रकम हड़पने का आरोप लगाया था।
सपना समेत अन्य पर आरोप तय किए जाने हैं...!

मालूम हो कि आशियाना थाना की चौकी किला के उप निरीक्षक फिरोज खान ने 13 अक्तूबर 2018 को सपना चौधरी, रत्नाकर उपाध्याय, अमित पांडे, पहल इंस्टीट्यूट के इबाद अली, नवीन शर्मा एवं जुनैद अहमद के खिलाफ रिपोर्ट कराई थी। मामले में विवेचना के बाद जुनैद अहमद, इबाद अली, अमित पांडे व रत्नाकर त्रिपाठी के खिलाफ 20 जनवरी 2019 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी, जबकि सपना के खिलाफ 1 मार्च 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। इस पर अदालत ने 26 जुलाई 2019 को संज्ञान लिया था।