'आप सत्ता के नशे में चूर हो'... अन्ना हजारे ने केजरीवाल को खत लिखकर सुनाई खरी-खरी बातें!

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समाज सुधारक और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को एक पत्र लिखा। इस पत्र में अन्ना हजारे ने शराब नीति को लेकर केजरीवाल को फटकार लगाई है। साथ ही शराब नीति पर अन्ना हजारे ने नाराजगी जताई है। जिसके बाद अन्ना हजारे का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अन्ना हजारे ने केजरीवाल को क्या-क्या लिखा? चलिए हम आपको बताते है। 

आप भी सत्ता के नशे में चूर हो... अन्ना हजारे!

दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की नई शराब नीति पर अन्ना हजारे ने नाराजगी जताई है। उन्होंने केजरीवाल को संबोधित करते हुए लिखा- कई दिनों से दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर जो खबरें आ रही हैं, उनसे मैं दुखी हूं। हमें महाराष्ट्र की तरह शराब नीति की उम्मीद थी, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया।

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Image Source: Times Of India

अन्ना हजारे ने केजरीवाल को फटकार लगाते हुए कहा, कि आपकी सरकार ने लोगों के जीवन को बर्बाद करनेवाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है। आपकी कथनी और करनी में फर्क है। अन्ना ने आगे लिखा कि लोग सत्ता के लिए पैसे और पैसे के लिए सत्ता के घेरे में फंस गए हैं। यह उस पार्टी के अनुरूप नहीं है जो एक बड़े आंदोलन से उभरी है।


आपने अपनी पुस्तक स्वराज में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं, लेकिन आपके आचरण पर उसका असर नहीं दिख रहा है। आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको पत्र लिख रहा हूं। 

आपकी पार्टी भी गलत रास्ते पर चल रही

अन्ना ने अपने पत्र में लिखा कि जब 10 साल पहले 18 सितंबर 2012 को दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों की मीटिंग हुई थी, उस वक्त आप ने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात रखी थी। लेकिन आप भूल गए कि राजनीतिक पार्टी बनाना यह हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था। उस वक्त टीम अन्ना के बारे में जनता के मन में विश्वास पैदा हुआ था। इसलिए उस वक्त मेरी सोच थी कि टीम अन्ना देशभर में घूमकर लोकशिक्षण, लोकजागृति का काम करना जरूरी था। 

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Image Source: Social Media

अन्ना हजारे ने कहा कि आपकी सरकार लोगों का जीवन बर्बाद कर रही है। महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है। आपकी कथनी और करनी में फर्क है। सरकार को जनहित मे काम करने पर मजबूर करने के लिए समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना जरूरी था। अगर ऐसा होता, तो देश में अलग स्थिति होती और गरीबों को फायदा मिलता। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया।

अन्ना हजारे ने कहा, सरकार किसी भी पार्टी की हो, सरकार को जनहित मे काम करने पर मजबूर करने के लिए समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना जरूरी था। अगर ऐसा होता, तो देश में अलग स्थिति होती और गरीबों को लाभ मिलता। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। 

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Image Source: Social Media

उसके बाद आप, मनीष सुसोदिया और आपके अन्य साथियों ने मिलकर पार्टी बनाई. एक ऐतिहासिक आंदोलन को नुकसान करके जो पार्टी बन गई, वह भी बाकी पार्टियों के रास्ते पर चलने लगी। यह बहुत ही दुख की बात है। 

'सीएम बनने के बाद आदर्श विचारधारा को भूल गए'

अरविंद केजरीवाल को पुराने दिन याद दिलाते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि आप हमारे गांव रालेगण सिद्धि आ चुके हैं। यहां आपने शराब, बीड़ी, सिगरेट आदि पर रोक की प्रशंसा की थी। राजनीति में आने से पहले आपने 'स्वराज' नाम से एक किताब लिखी थी। इस पुस्तक में आपने ग्रामसभा, शराब नीति के बारे में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं। तब आपसे बहुत उम्मीद थी, लेकिन राजनीति में जाकर मुख्यमंत्री बनने के बाद आप आदर्श विचारधारा को भूल गए हैं।

'आपने मंच से बड़े बड़े भाषण दिए'

अन्ना ने कहा, भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जो ऐतिहासिक और लोकायुक्त आंदोलन हुआ, उसमें लाखों की संख्या में लोग आए। उस वक्त आपने लोकायुक्त की जरूरत के बारे में मंच से बड़े बड़े भाषण दिए। आदर्श राजनीति और व्यवस्था के बारे में विचार रखते थे। लेकिन दिल्ली के सीएम  बनने के बाद आप लोकपाल और लोकायुक्त कानून को भूल गए।  

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Image Source: The Economic Times

आपकी सरकार ने लोगों का जीवन बर्बाद करने वाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई। इससे स्पष्ट होता है कि आपकी कथनी और करनी में फर्क है।