यूपी: फांसी की सजा काट कर रहे कैदी ने 1st डिविजन से पास किया 10वीं, आया ये रिएक्शन!

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यूपी के जिला शाहजहांपुर से एक चौकाने बाली खबर सामने आई है। यंहा एक मौत की सजा काट रहे कैदी ने बोर्ड परीक्षा में 64.33% अंकों से फर्स्ट डिवीजन के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर ली है। जिसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। क्या है इस आरोपी शख्स की पूरी कहानी। और क्यों दी गई उसे फांसी की सजा? आइये हम आपको बताते है। 

आरोपी को क्यों मिली फांसी की सजा?

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सांकेतिक तस्वीर/News18India

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी का नाम मनोज है। और बह शाजहांपुर जिले की नगर पंचायत कलान छेत्र का रहने बाला है। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलहाल जेल में बंद कैदी मनोज पर एक मासूम बच्चे की हत्या का आरोप लगा था। जिसके बाद आरोप सिद्ध हुए और कोर्ट ने मनोज को फांसी की सजा सुना दी। इस संबंध में जिला कारागार शाहजहांपुर के जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि:-

"जिले की एक अदालत ने पांच साल के मासूम बच्चे के हत्‍या के मामले में मनोज नामक व्यक्ति को को फांसी की सजा सुनाई थी। परिजन ने हाईकोर्ट से आरोपी के मृत्यु दंड माफी की अपील की है। लेकिन फिलहाल फैसला पलटा नही है।"


कैदी फर्स्ट डिवीजन हुआ पास!

ऐसे में फांसी की सजा काटने जिला जेल पहुंचे मनोज ने पढ़ने की इच्छा जताई। जिसके बाद मनोज ने कक्षा 10 का फॉर्म जेल से ही भरा था, परंतु फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद उसने पढ़ना छोड़ दिया। तो जिला जेल प्रशाशन ने मनोज को मन लगाकर पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और फिर उसने पढ़ाई की। और आज नतीजा सबके सामने है। 

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Image Source: Bhaskar

उसने जेल में रहते हुए हाईस्कूल की परीक्षा दी और 64.33% अंक लेकर फर्स्ट डिवीजन पास हुआ। वंही उसकी पढ़ाई के प्रति ललक और काबलियत से जेल प्रशासन भी हैरान है। आपको बता दे, मनोज को पढ़ाई के लिए किताबे, पेन्सिल व परीक्षा संबंधित सारी जानकारी जिला जेल प्रशाशन द्वारा ही उपलब्ध कराया गया था। 

आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहता है आरोपी!

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Image Source: Twitter

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फांसी की सजा प्राप्त आरोपी मनोज फिलहाल आगे की पढ़ाई करना चाहता है। वंही कैदी की आगे की पढ़ाई को लेकर जेल प्रशासन हर संभव मदद को तैयार है। आपको बता दे, कैदी के फर्स्ट डिवीजन आने पर डीजी जेल ट्वीट करके कैदी को बधाई दी है। वहीं, जिला जेल प्रशासन का कहना है कि अगर कैदी आगे की पढ़ाई करना चाहता है तो जेल प्रशासन उसे पूरा सहयोग करेगा। 

शिक्षा ही अपराध को रोकने का सही जरिया है!


हमारे देश में सबसे ज्यादा अपराध अज्ञानता व शिक्षा के अभाव की बजह से होते है, वंही कुछ अपराधी परिस्थितिजन्य होते हैं। लेकिन अगर उन्हें सही समय पर उचित मार्गदर्शन दिया जाय तो अपराधी को अपराध की दुनिया से निकाल सुधारा भी जा सकता है। सायद इसीलिए सरकार और जेल प्रशाशन द्वारा समय-समय पर जेल में बंद कैदियों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार दिया जाता है।