बेटा-बहु ने दुत्कार कर बुजुर्ग पिता को घर से निकाला, SDM साहब ने पैर धुलवाकर मंगवाई माफ़ी!

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हमारे देश में जब माँ-बाप बूढ़े हो जाते है तो अक्सर बच्चे उनकी संपत्ति हड़प, उन्हें बोझ समझ घर से निकाल देते है। ऐसे में बेसहारा बुजुर्ग जाएँ तो जाएँ कंहा? ऐसा ही एक मामला, मध्य प्रदेश के जबलपुर से वायरल होकर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। जंहा बेटा-बहु ने बुजुर्ग बाप को घर से बाहर निकाल दिया, लेकिन बुजुर्ग कुछ ना कर सका। बह रोता हुआ SDM साहब के पास पहुंचा, उसके बाद SDM साहब ने जो समझाइस लगाई...बह मिशाल बन गई। क्या है पूरा मामला? आइये जानते है। 

बेटा-बहु ने प्रताड़ित कर बुजुर्ग को घर से निकला!

जबलपुर हृदय नगर निवासी आनंद गिरी 80 साल के हो चुके है। उनका आरोप है कि आये दिन उनका बेटा तामेश्वर गिरी और बहू सुलोचना उन्हें प्रताड़ित करते हैं। अक्सर उनके साथ मारपीट होती है और जोर-जबरदस्ती कर अकेला रोने के लिए छोड़ दिया जाता है। इतना ही नहीं राज्य शासन द्वारा आवंटित 750 वर्ग फीट के प्लॉट पर बने मकान पर बेटे-बहू ने कब्जा कर लिया है।

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Image Source: Bhaskar

पीड़ित पिता ने बताया की एक बार पुत्र ने गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश भी की लेकिन सौभाग्यवश वह बच गया, लेकिन आगे भविष्य में कभी भी हमला कर जान से मारा जा सकता हैं। ऐसे में बह इस उम्र में कहां जाएं, ना रहने का ठिकाना ना खाने-पीने का। वृद्धाश्रम जाना नहीं चाहता हूँ, केवल अपने घर ही रहना चाहता हूँ। 

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आपको बता दे, यह सभी आरोप बुजुर्ग पिता ने स्थानीय SDM साहब को दिए अपने निवेदन पत्र में लगाए है। उन्होंने SDM साहब से शिकायत और निवेदन दोनों किये कि हुजूर बुढ़ापे का ख़याल कर न्याय दिलवा दीजिये। बस फिर क्या था SDM साहब का दया भाव जाग गया और सुना दिया बेटे को बुलाने का हुक्म। फिर जो हुआ बह मिशाल बन गया। 

जिस बेटे ने दुत्कारा, SDM ने उसी से धुलवाए पैर!

एसडीएम आशीष पांडे के आदेश पर बेटा हाजिर हुआ, और फिर दौर सुरु हुआ समझाइस का। ऐसी समझाइस जो बाप-बेटा दोनों नहीं भूल पाएंगे। SDM साहब ने प-बेटे के रिश्तों को बचपन की ओर ले गए। बेटे से बोले- तुम्हें याद है, जब तुम छोटे थे तो पापा किस तरह तुम्हें संभालते थे। बुजुर्ग भी बच्चे जैसे हो जाते हैं।

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वहीं SDM ने पिता से कहा- आप अपने बेटे को बचपन में कैसे संभालते थे, उसकी बड़ी से बड़ी गलती तक माफ़ कर देते थे... एक बार फिर बड़ा दिल बाप बाला दिखाइए और बेटे की भूल को माफ कर दीजिए। इसके बाद SDM की बात सुन बाप-बेटे के आंसू निकल आए।

जब पिता-पुत्र की आंखें नम हो गईं, तो SDM ने कोर्ट में बाल्टी में पानी मंगवाया। इसके बाद बेटे ने भीगी आँखों के साथ बाप के पैर पखारे (पेअर धोये) कान पकड़कर बोला- अब कोई गलती करूं तो दो थप्पड़ लगा देना, मगर अब हम साथ रहेंगे। 

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अब आपको कभी तकलीफ नहीं दूंगा, मेरी गलती को माफ़ कर दीजिये और घर चलिए। इसके बाद बेटे के पश्चाताप पर पिता ने उसके खिलाफ दिया आवेदन वापस ले लिया। और दोनों खुशी-खुशी SDM साहब के दफ्तर से घर को रवाना हुए।