60 साल लिव-इन में रहे, फिर 9 बेटा-बेटी, 20 पोते-पोतियों के साथ शादी करने पहुंचा ये बुजुर्ग जोड़ा!

कहते हैं जोड़ियां आसमान में बनती हैं, लेकिन कब बनेगी इसका कोई जवाव नहीं। कभी-कभी तो इतना लेट बनती है कि शादी में जोड़े के साथ-साथ उसके नाती-पोते तक शामिल होते दिख जाते है। जी हां, ऐसा ही एक मामला एक खूबसूरत उदाहरण राजस्थान में देखने को मिला है। जंहा 60 साल तक एक-दूसरे के साथ रहने के बाद 80 साल के बुजुर्ग ने शादी की। और इस शादी में उनके 9 बच्चे, 20 पोते-पोतियों भी शामिल हुए। तो आइये जानते है इनकी पूरी कहानी।
60 साल तक लिव-इन में रहे जोड़े ने की शादी!
दरअसल, राजस्थान उदयपुर के गऊपीपला निवासी सकमा पुत्र धुलिया पारगी मठु के साथ पिछले 60 साल से लिव इन में रह रहे थे। शादी की इस अनूठी बारात में दूल्हा 80 साल का जिसके 9 बेटे-बेटियों सहित 20 पोता-पोती, नवासा-नवासी शामिल हुआ। ख़ास बात ये है कि इन दोनों की शादी कराने के लिए सकमा के पोते-पोती ने ही ठानी थी।

उसके बाद पूरे परिवार के साथ सकमा की बारात ढोल-डीजे की थाप पर गुजरात के गुण भाखरी गांव पहुंची। वहां सकमा ने मठु (पत्नी) के साथ सात फेरे लिए और उन्हें दुल्हन बनाकर उदयपुर लेकर आए। हालांकि सकमा के साथ दुल्हन मठु पिछले 60 साल से रही थीं लेकिन शादी की रस्में अब अदा की गई।

आपको बता दे, इस जोड़े की शादी से पहले ही काना, बसु, राकेश, चंदू, पिंटु, भूलाराम, मणि, सुमी व मेवा नौ बेटे-बेटियां हैं। साथ ही इनसे सकमा व मठु के 20 पोते-पोतियां हैं। लेकिन इन सबके बाबजूद दोनों ने शादी नहीं की थी। वंही अब जाकर जब नाती-पोतो ने कहा तो दोनों लोग शादी के लिए तैयार हुए।
शादी ना करने के पीछे है यह प्रथा!
दरअसल, जिस जगह यह जोड़ा रहता है बंहा एक प्रथा सदियों से चली आ रही है। जिसे दापा प्रथा कहा जाता है। इसमें बिना शादी युवक-युवती के साथ रहने की प्रथा है। और इसमें युवक-युवती अपनी मर्जी से एक साथ रहते हैं। इसके बाद युवक युवती के घरवालों को कुछ राशि देता है, जिसे दापा कहते हैं। इस राशि का फैसला सामजिक स्तर पर किया जाता है। उसके बाद दोनों साथ रहने लगते हैं और बाद में सहूलियत के अनुसार शादी करते हैं।