कांग्रेस से विधायकी लड़ेगी सोनू सूद की बहन, सीएम चन्नी और सिद्धू ने की मुलाकात!

बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद देश के रियल हीरो हैं, देशवासियों के दिलों में सोनू ने एक जगह बनाई है और सम्मान हासिल किया है। अब सोनू सूद की बहन (Sonu sood Sister) भी एक मुख्य वजह से सुर्खियों में हैं। खबर आ रही है कि सीएम चरणजीत चन्नी और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू सोमवार दोपहर मोगा पहुंचे और फिल्म अदाकार सोनू सूद की बहन मालविका सूद सच्चर को औपचारिक तौर पर पार्टी में शामिल करवाया।
सोनू सूद अपने आप को किसी पार्टी विशेष का नहीं मानते हैं मगर उनकी बहन ने कांग्रेस ज्वाइन करने का निर्णय लिया है। सोनू सूद की बहन मलविका सूद सोमवार को कांग्रस ज्वाइन कर ली है।
मोगा से प्रत्याशी बनी सोनू सूद की बहन
मीडिया खबरों के अनुसार, सीएम चन्नी और नवजोत सिद्धू ने सोनू सूद के घर एक प्रेस कांफ्रेंस कर मालविका सूद को मोगा से पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया।ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो इस मौके पर सोनू सूद भी मौजूद थे। सोनू के घर पर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धु ने शिरकत की और नवजोत की उपस्थिति में मलविका ने कांग्रेस ज्वाइन की, और पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी भी बना दिया।
आपको बता दे, मालविका को हर एक राजनीतिक पार्टी से टिकेट मिला था मगर उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन करने का निर्णय लिया। ये मलविका के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत है और कांग्रेस उनकी पहली पार्टी है।
As my sister Malvika Sood embarks on her political journey, I wish her the best and can’t wait to see her flourish in this new chapter of her life. Good luck Malvika!
— sonu sood (@SonuSood) January 10, 2022
My own work as an actor & humanitarian continues, without any political affiliations or distractions. pic.twitter.com/NCI0d4nUgC
आपको बता दे, सोनू सूद की बहन मालविका ने पिछले साल के अंत में राजनीति में आने का फैसला किया था। मालविका सूद लगातार पंजाब के मोगा विधानसभा क्षेत्र में कैंपेन कर रही हैं। कांग्रेस ज्वाइन करने से पहले कांग्रेस के मोगा विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता मालविका सूद का प्रचार अभियान में सहयोग कर रहे थे।
चुनाव आयोग के ब्रांड पद से हटाए गए सोनू सूद
इससे पहले चुनाव आयोग ने सोनू सूद को ब्रांड एम्बेसडर से हटा दिया था। सोनू सूद ने कहा था कि चूंकि वह राजनीतिक उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं इसलिए उन्होंने चुनाव आयोग के साथ सहमति से अलग होने का फैसला किया है।