पटियाला जेल में एकसाथ दो पुराने यार... सिद्धू-दलेर मेहंदी की जोड़ी को एक ही बैरक में रखा गया!

पंजाब के पटियाला की जेल में पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू और पंजाबी गायक दलेर मेहंदी की जोड़ी बन गई है। जेल प्रशासन ने दोनों को एक ही बैरक में रखा है। जंहा एकतरफ सिद्धू को एक साल कैद की सजा हुई है, वंही दलेर मेहँदी को 2 साल की सजा हुई है। ऐसे में ये पुराने दोनों दोस्त अब जेल में भी दोस्ती निभाते दिखेंगे। तो आइये आपको बताते है, सिद्दू और मेहँदी को जेल में क्या क्या काम मिला हुआ है?
पटियाला जेल में बनी सिद्धू-दलेर मेहंदी की जोड़ी!
कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू और पंजाबी गायक दलेर मेहंदी इस बक्त पंजाब के पटियाला की जेल में बंद है। नवजोत सिद्धू 34 साल पुराने रोड रेज केस में एक साल कैद की सजा काट रहे हैं, तो वंही दलेर मेहंदी को कबूतरबाजी यानी मानव तस्करी केस में 2 साल की सजा हुई है।

आपको बता दे, 34 साल पुराने रोड रेज केस में सिद्धू को पहले इस मामले में सिर्फ जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया था। इसके बाद पीड़िता परिवार उखड गया और उसने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर मामले की पुनः सुनबाई करवाई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला बदलते हुए सिद्धू को एक साल बामशक्कत कैद की सजा सुना दी।

आपको बता दे, दलेर मेहंदी पहले शो करने विदेशों में जाते थे। इसी दौरान आरोप लगा कि उनकी टीम के साथ 10 लोगों को अवैध तरीके से मेंबर बनाकर अमेरिका पहुंचाया गया। जिसके एवज में रुपए लिए गए। इसे कबूतरबाजी यानी मानव तस्करी करार देकर 2003 में दलेर के भाई शमशेर सिंह पर केस दर्ज हुआ।

जांच के दौरान इसमें दलेर मेहंदी को भी नामजद कर लिया गया। इस मामले में मेहंदी को ट्रायल कोर्ट ने 2 साल कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन बह सजा के खिलाफ पटियाला की सेशन कोर्ट चले गए। जंहा से उन्हें राहत तो नहीं मिली, हां 2 साल की जेल जरूर मिल गई। जिसके बाद दलेर को गिरफ्तार कर सजा काटने पटियाला जेल भेज दिया गया।
दलेर मेहंदी को राहत नहीं, रिव्यू पिटीशन पर सरकार को नोटिस!
Daler Mehndi Gets 2-Year Jail In 2003 Human Trafficking Case In Patiala https://t.co/tYIhw6G5jU pic.twitter.com/uQsyCke642
— NDTV (@ndtv) July 14, 2022
आपको बता दे, दलेर ने कबूतरबाजी केस में 2 साल कैद की सजा के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी। हाईकोर्ट ने उनकी सुनवाई के दौरान पूछा कि दलेर को जेल में रहते कितना समय हुआ?। इस पर मेहंदी के वकील ने कहा कि अभी थोड़ा समय ही हुआ है। इसके बाद हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।
जेल में क्लर्क सिद्धू संग मुंशी बने दलेर!
दलेर मेहंदी को पटियाला जेल में नवजोत सिद्धू वाली बैरक में रखा हुआ है। जहां उन्हें जेल मुंशी का काम सौंपा गया है। जेल कर्मचारी रोजाना उन्हें रजिस्टर देंगे, जिनका काम कर वह वापस लौटाएंगे। वह भी सिद्धू की तरह बैरक से ही काम करेंगे। जेल कर्मचारी उन्हें रोजाना रजिस्टर देकर जाएंगे। इससे पहले सिद्धू को भी जेल में क्लर्क का काम दिया गया है।
Singer Daler Mehndi's sentence of two-year jail, upheld by the Patiala session court in the human trafficking (kabooterbazi) case on Thursday. Now he is being sent to Patiala jail. The Patiala police has taken him in their custody. pic.twitter.com/WL8LZ6xgwN
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) July 14, 2022
BREAKING: #DalerMehndi sentenced to 2-year jail by the Patiala court in the human trafficking case. Daler Mehndi was punished for two years on 16.03.18 by the JMIC Patiala. Now he is being sent to Patiala jail. The Patiala police has already taken him in its custody. pic.twitter.com/cEz9QTTGK7
— Griha Atul (@GrihaAtul) July 14, 2022
आपको बता दे, सिद्धू और दलेर मेहंदी पुराने दोस्त हैं। वे कई टीवी शो में इकट्ठे हुए हैं। सजा मिलने के बाद दलेर मेहंदी काफी मायूस हैं। जेल में सिद्धू ने बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया। सायद आगे जबतक दोनों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल जाती दोनों दोस्त एक ही जेल में एकसाथ समय बिताते जेल प्रशाशन को दिखेंगे।
कैसे तय होता है कौन-सा कैदी क्या काम करेगा?
आपने सुना होगा कि अक्सर सजा सुनाते वक्त जज एक शब्द का इस्तेमाल करते हैं- बामशक्कत। जिस अपराधी के लिए बामशक्कत सजा सुनाई जाती है, उसका मतलब होता है कि उससे जेल में काम करवाया जाएगा। जेल में कैदियों के लिए काम को तीन तरह से बांटा गया है। एक स्किल्ड, दूसरा सेमी स्किल्ड और तीसरा अनस्किल्ड।

ऐसे में किस कैदी को क्या काम करने का अनुभव और प्रशिक्षण है अक्सर उसके आधार पर ही उससे काम करवाया जाता है। कई बार काम करवाने से पहले कैदियों को ट्रेनिंग भी दी जाती है।
क्या जेल में किए गए काम की सैलरी भी मिलती है?
अब काम करने के तो पैसे भी मिलते हैं तो क्या जेल में भी ऐसा ही होता है? अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो इसका जवाब है - हां। हमने आपको ऊपर बताया कि स्किल्ड, मी स्किल्ड और अनस्किल्ड। इसी हिसाब से कैदियों को जेल में काम और सैलरी मिलती है। जानने वाली बात ये है कि जेल में काम के लिए जो सैलरी मिलती है वो भारतीय मुद्रा नहीं होती है। बल्कि जेल में तो पैसे रखना ही एक अपराध होता है।

कैदियों को काम के बदले सैलरी के रूप में कूपन मिलते हैं। ये कूपन ही जेल की करंसी की तरह काम करते हैं। वहां सामान भी कूपन के रेट पर ही मिलता है। ये कूपन एक टिकट की तरह होते हैं। इन्हीं से कैदी अपनी रोजमर्रा की जरूरत का सामान भी खरीद सकते हैं। जेल से बाहर निकलते वक्त कैदी के पास जमा कूपन के बदले में उसे पैसे मिल सकते हैं।