भारत छोड़ो आंदोलन में युवा स्वतंत्रता सेनानी थे शाहरुख़ खान के पापा, ये रहे सबूत!

शाहरुख खान बॉलीवुड के किंगखान कहे जाते है। उनके स्टारडम को देख हर कोई सोचता है कि काश उन्हें भी किंग खान जैसी लाइफ मिले। पर यहां तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उनका बचपन गरीबी में बीता था। लेकिन उनकी जिंदगी में सबसे बुरा दौर तब आया जब उनके पिता मीर ताज मोहम्मद खान का निधन हो गया। इस घटना ने न सिर्फ शाहरुख खान बल्कि उनके पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया था।
NBT की एक खबर अनुसार, उनके पिता मीर ताज मोहम्मद खान एक फ्रीडम फाइटर थे। देश के बंटवारे के वक्त वह दिल्ली आ गए और यहां अपना रेस्ट्रॉन्ट चलाने लगे। भले ही गरीबी थी, लेकिन शाहरुख और उनकी बहनों को पिता ने सारी वैल्यू और जिंदगी की सीख दीं।
यह शाहरुख की कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि उन्होंने अपने परिवार को गरीबी से निकाला और अपनी सुनहरी किस्मत भी लिखी। और आज बह बॉलीवुड के सुपरस्टार ही नहीं दुनिया के सबसे अमीर एक्टर भी है।
युवा स्वतंत्रता सेनानी थे शाहरुख़ खान के पिता
मीर ताज मोहम्मद सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। शाहरुख खान खुद भी अपने पिता को एक स्वतंत्रता सेनानी बताते हैं। शाहरुख खान पर लिखी गई एक किताब "किंग ऑफ बॉलीवुड" में भी इस बात की जानकारी दी गई है। ये किताब फिल्म समीक्षक और पत्रकार अनुपमा चोपड़ा ने लिखी है।
I follow my Freedom Fighter father’s advice ‘quieter u bcome the more u r able 2 hear’.Good he’s no more, he’d be sad 2 hear wot sum ppl say
— Shah Rukh Khan (@iamsrk) September 19, 2016
किताब के मुताबिक, मीर और उनके भाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले और फ्रंटियर गांधी के नाम से मशहूर खान अब्दुल गफ्फार खान के समर्थक थे। मीर के बड़े भाई गम्मा एक नेता थे और अंग्रेजो के खिलाफ विरोध -प्रदर्शन और रैलियां आयोजित करते थे।
अगस्त 1942 में कांग्रेस पार्टी ने "भारत छोड़ो आंदोलन" का आगाज किया जिसमें नेहरू और गांधी सहित सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें मीर ताज मोहम्मद और उनके भाई गम्मा भी थे। किताब में लिखा हुआ है कि मीर मोहम्मद एक प्रमाणित स्वतंत्रता सेनानी थे।

शाहरुख खान के पिता सचमुच आजादी के आंदोलन का हिस्सा रहे हैं। उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। शाहरुख के सिर्फ पिता ही नहीं बल्कि उनके परिवार के कुछ और लोग भी स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े थे।
अपने पिता की तरह नहीं मरना चाहते शाहरुख़
शाहरुख को अपने पिता पर गर्व है। उन्होंने जो किया और जो सिखाया उसे शाहरुख आज भी नहीं भूले हैं। पर वह अपने पिता की तरह नहीं मरना चाहते। शाहरुख ने इसका जिक्र 2012 में दिए एक इंटरव्यू में किया था और अपने पिता को 'सबसे सफल फेल्यिर' बताया था। इस इंटरव्यू में शाहरुख ने ये भी बताया था कि पिता की मौत के बाद उनकी जिंदगी में एक खालीपन आ गया था। उस खालीपन को भरने के लिए वह एक्टिंग करने लगे।
'कहीं न कहीं मेरे अंदर एक खालीपन है। एक बेचैनी सी है, कुछ अजीब सा है, जिसे में ऐक्टिंग से भरने की कोशिश करता हूं।'
शाहरुख़ खान के पिता की मौत कैसी हुई?
मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बताया जाता है कि, शाहरुख के पिता को कैंसर था। जब उनकी मौत हुई उस वक्त शाहरुख महज 15 साल के थे। पिता की मौत ने शाहरुख़ को अंदर तक तोड़ दिया था। उन्हें सबसे ज्यादा ज्यादा दुःख तब हुआ जब उनके पिता के शव को घर ले जाने के लिए जद्दोहद करनी पड़ी।
एक तो शाहरुख पिता की मौत से पहले ही टूट चुके थे। ऊपर से ड्राइवर ने उनके पापा की बॉडी को गाड़ी में घर पर लाने से इनकार कर दिया था। उस वक्त उन्हें ड्राइविंग करनी नहीं आती थी। ऐसे में उन्होंने अपने पिता की बॉडी गाड़ी की पिछली सीट पर रखी और खुद ही गाड़ी चलाने लगे। उन्होंने मां को भी कार में बिठा लिया।
पति की मौत की वजह से शाहरुख की मां को होश नहीं था, लेकिन जब उनकी गाड़ी अस्पताल से काफी आगे निकल गई तब मां ने शाहरुख से पूछा- 'तुमने गाड़ी चलानी कब सीखी?' मा का सवाल सुनते ही शाहरुख ने कहा-'अभी।' शाहरुख ने बताया कि उस वक्त वो खुद भी ये सोचने पर मजबूर हो गए थे कि वो गाड़ी कैसे चला पा रहे थे।
नहीं मिली थी मदद
किंग खान ने एक टॉक शो के दौरान बताया था कि:-
"अपने पिता की बॉडी उन्हें खुद ही घर लानी पड़ी थी क्योंकि किसी भी ड्राइवर को मुझसे टिप मिलने की उम्मीद नहीं थी।' शाहरुख ने बताया कि- 'आज भी मुझे वो रात याद है जब पापा का निधन हुआ था, हमारे पड़ोसी का ड्राइवर, मां और मुझे हॉस्पिटल लेकर जा रहा था। उस वक्त वो ड्राइवर अपने आप में ही बड़बड़ा रहा था कि मरे हुए इंसान के लिए टिप भी अच्छी नहीं मिलती और हमें अस्पताल के बाहर उतार कर वो वापस चला गया।"
पिता की मौत से बहन को लगा सदमा!
अस्पताल में भर्ती पिता ने जब आखिरी साँस ली, तो परिवार पर मानो हजारो पहाड़ टूट पड़े। पिता की बॉडी को लेकर शाहरुख़ जब घर पहुंचे और बहन को खबर दी तो बह बर्दास्त नहीं कर पाई और सदमे में चली गई। शाहरुख ने बताया था कि दो सालों तक उनकी बहन पिता को खोने के शॉक में रहीं और डिप्रेशन में चली गईं।
पिता की मौत ने सिखा दिया जिंदगी जीने का मतलब
शाहरुख ने कहा था कि जिस दिन उनके पिता की मौत हुई थी उसी दिन उन्होंने जिंदगी जीने का एक रूखा तरीका सीख लिया था। शाहरुख का कहना था कि वह अपने पिता की तरह एक अनजान बनकर नहीं मरना चाहते। उन्हें अपने पिता पर गर्व था, पर मानते थे कि उनके पिता के अंदर कहीं न कहीं फेलियर को लेकर एक डर था। आज वह डर शाहरुख के अंदर नहीं है।
मां को बचाने के लिए शाहरुख का अजीबोगरीब तरीका
डेविड लेटरमैन के शो My Next Guest Needs No Introduction में नजर आए। इस शो में नजर आने वाले वह पहले बॉलीवुड एक्टर हैं। 1 घंटे 1 मिनट के इस शो में शाहरुख ने अपनी जिंदगी के तमाम राज शेयर किए। इसी बीच उन्होंने अपनी मां की जान बचाने के लिए एक बहुत अजीब तरीका भी अपनाया था। शाहरुख ने बताया:-
"मौत के बारे में मेरी एक बहुत अजीब थ्योरी है। क्योंकि मैंने बहुत कम उम्र में अपने परिवार में कई बार ये चीज देखी है इसलिए मैं जानता हूं कि... जब आपको मौत आती है उस वक्त अगर आप जिंदगी से संतुष्ट हों तभी आप इस दुनिया से जाते हो। यदि आप असंतुष्ट हो और आपका कोई काम इस दुनिया में छूटा हुआ है और आपको लगता है कि नहीं अभी मुझे यहां रहना है तो आप नहीं जा पाते।"
इसी लिए जब शाहरुख़ की माँ का आखिरी बक्त आया तब उन्होंने निर्णय लिया कि बह अपनी माँ को असंतुष्ट करेंगे, जिससे उन्हें लगे कि इस दुनिया में अभी बहुत काम बाकी है। इसके लिए शाहरुख़ ने अपनी माँ से कहा:-
"मैं अपनी बड़ी बहन के साथ बहुत बुरा बर्ताव करने वाला हूं। मैं उसे शादी नहीं करने दूंगा। मैं कभी काम नहीं करूंगा। मैं शराब पीना शुरू कर दूंगा।"
शाहरुख ने बताया कि उन्होंने अपनी मां से वो सारी बुरी बातें कहनी शुरू कर दीं, जिससे वह किसी तरह इस दुनिया से जाने से रुक जाएं और उन्हें लगे कि अभी इस दुनिया में बहुत काम रह गया है। शाहरुख की ये बात सुनकर डेविड अपनी हंसी नहीं रोक पाए और उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में पहली बार ऐसा कुछ सुना है