वानखेड़े के पापा हिन्दू माँ मुश्लिम, पहली पत्नी मुश्लिम दूसरी हिन्दू; तो वानखेड़े का धर्म क्या?

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समीर वानखेड़े, NCB अफसर है। इन्होने ही क्रूज ड्रग्स का खुलासा किया और शाहरुख़ खान के लड़के को गिरफ्तार किया था। अब मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में वसूली के आरोपों के बीच कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच, समीर वानखेड़े के धर्म को लेकर भी NCP नेता नवाब मलिक ने कई दाबे किये है। उनके मुताबिक समीर वानखेड़े मुस्लिम हैं। वंही समीर वानखेड़े का इस मामले पर कहना है कि बह जन्मजात हिन्दू है। क्या है पूरा मामला? आइये जानते है।

मुंबई क्रूज ड्रग पार्टी मामले में शुरू हुई जांच अब एनसीबी नेता नवाब मलिक द्वारा समीर वानखेड़े पर लगाए गए आरोपों पर आकर टिक गई है। जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े हिंदू हैं या फिर मुसलमान। अगर वह मुसलमान हैं और उन्होंने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाई है तो यह बड़ा आरोप है। हालांकि, इससे पहले भारत के संविधान में किए गए प्रावधानों को भी जानना जरूरी होगा। आइए, जानते हैं कि क्या दलित मुसलमान को भी मिलता है नौकरी में आरक्षण?

क्या है वानखेड़े पर आरोप?

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NCP नेता नवाब मलिक का दावा है कि आर्यन खान मामले में सुर्खियों में आए NCB अफसर समीर वानखेड़े मुस्लिम हैं। अपने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करके उन्होंने दलित या फिर अनुसूचित जाति का सदस्य बनकर आईआरएस की नौकरी हासिल की है। अपने आरोपों  को साबित करने के लिए नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के निकाह के फोटोग्राफ भी सार्वजनिक किए साथ ही निकाहनामा व समीर वानखेड़े का जन्म प्रमाणपत्र भी साझा किया था। 

ये निकाहनामा उनकी पहली पत्नी शबाना कुरैशी से शादी का है। मलिक का आरोप है कि समीर वानखेड़े के पिता मुस्लिम हैं।  इस निकाहनामे में वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद वानखेड़े लिखा है। निकाहनामे पर 7 दिसंबर 2006 की तारीख है। निकाहनामे में बतौर गवाह अजीज खान का नाम भी हैं, जो समीर वानखेड़े की बड़ी बहन यास्मीन वानखेड़े के पति हैं।

नवाब मलिक ने समीर पर क्या आरोप लगाए हैं?


नवाब मलिक ने कहा था कि समीर के पिता का असली नाम दाऊद वानखेड़े है, न कि ज्ञानदेव वानखेड़े और इस्लाम धर्म स्वीकार करने के बाद उन्होंने इस नाम को बदल लिया। एक ट्वीट में नवाब मलिक ने लिखा है:-

‘’मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि मैं जिस मुद्दे को उजागर कर रहा हूं, वो समीर दाऊद वानखेड़े के धर्म का नहीं है। मैं उन धोखाधड़ी वाले तरीकों को सामने लाना चाहता हूं, जिनके द्वारा उन्होंने IRS की नौकरी पाने के लिए जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है और एक योग्य अनुसूचित जाति के व्यक्ति के हक को मारा है।”

समीर वानखेड़े का पारिवारिक बैकग्राउंड क्या है?

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वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े हिन्दू हैं, लेकिन उन्होंने मुस्लिम महिला जाहिदा बानो से शादी की थी, जिनका निधन हो गया है। वंही समीर वानखेड़े ने भी दो शादियां की हैं, जिसमे पहली पत्नी का नाम शबाना कुरैशी व दूसरी पत्नी का नाम क्रांति रेडकर है। साल 2006 में समीर का निकाह शबाना कुरैशी से हुआ था जिसका निकाहनामा नवाब मलिक ने ट्वीट किया है। 

वंही साल 2016 में दोनों ने तलाक ले लिया, यानी समीर और शबाना दोनों अलग हो  गए। शबाना से तलाक के बाद 2017 में समीर ने मराठी अभिनेत्री क्रांति रेडकर से हिन्दू रीति से शादी कर ली। अब अगर बात करे, समीर बानखेड़े की बहन की तो उनका नाम यास्मीन वानखेड़े है, और उन्होंने जीज खान से शादी की है, जो समीर वानखेड़े की पहली शादी के निकाहनामे में गवाह भी हैं।

क़ानूनी रूप से वानखेड़े मुस्लिम होंगे या हिन्दू दलित?

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मुस्लिम कानून के मुताबिक, निकाह के लिए जरूरी है कि होने वाले पति-पत्नी दोनों ही मुस्लिम हों। वानखेड़े ने निकाह किया इसका मतलब ये हुआ कि उन्होंने खुद को मुस्लिम बताया। लेकिन कानून के अनुसार पिता की जाति या धर्म के आधार पर ही बच्चे का भी धर्म/जाति निर्धारित होती है। जिसके अनुसार सामान्यतः पिता की जाति या धर्म के आधार पर ही बच्चे की जाति और धर्म का निर्धारण होता है। 

वंही संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950, के अनुसार सिर्फ हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म के लोगों को ही अनुसूचित जाति का लाभ मिल सकता है। कानून के अनुसार पिता की जाति या धर्म के आधार पर ही बच्चे का भी धर्म/जाति निर्धारित होती है। इसलिए मुस्लिम तरीके से शादी करने से कोई व्यक्ति मुसलमान नहीं हो जाता, जब तक कि वह धर्म परिवर्तन नहीं करे। शादी के लिए धर्म परिवर्तन यदि किया भी गया तो कोई व्यक्ति दोबारा हिंदू बन सकता है।

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मुस्लिम पद्धति से शादी के बावजूद भी वानखेड़े अनुसूचित जाति वर्ग के ही माने जाएंगे, यदि उनके जन्म के सर्टिफिकेट में उन्हें अनुसूचित जाति वर्ग का माना गया है। पहली शादी मुस्लिम पद्धति से और दूसरी शादी हिंदू विधि से हो सकती है। कानून के अनुसार हिंदू व्यक्ति बगैर तलाक दिए दूसरी शादी नहीं कर सकता। जबकि मुस्लिम धर्म का व्यक्ति दो शादी कर सकता है। 

वानखेड़े ने पहली मुस्लिम शादी से तलाक ले लिया और उसके बाद दूसरी शादी हिंदू पद्धति से की है तो वह कानूनन मान्य है। सुप्रीम कोर्ट ने 1950 में इस मामले में एक आदेश दिया था। इसमें यह स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति आरक्षण का लाभ लेना चाहता है तो उसे एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह जन्म से अनुसूचित जाति से है।  

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इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि अंतरजातीय विवाह किसी व्यक्ति की जन्म की जाति की स्थिति को परिवर्तित नहीं कर सकता है। इस विवाह से उत्पन्न संतानों को पिता की जाति का माना जाएगा। अगर मां अनुसूचति जाति की है तो बच्चों को यह साबित करना होगा कि उन्हें एससी सदस्य के रूप में पाला गया है। 

क्या होगा अगर समीर वानखेड़े पर साबित हुआ आरोप?

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एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर नवाब मलिक के आरोप सही साबित होते हैं और जन्म के समय यदि वानखेड़े के माता-पिता मुस्लिम थे और उन्होंने गलत तरीके से अनुसूचित जाति वर्ग का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया है तो फिर डीओपीटी के 19 मई 1993 के सर्कुलर के अनुसार उन्हें फर्जी तरीके से नौकरी लेने का दोषी माना जा सकता है।