जानिये, क्यों करीना कपूर के दोनों बेटे नहीं बन पाएंगे सैफ अली खान की पुश्तैनी संपत्ति के वारिस?

बॉलीवुड स्टार सैफ़ अली ख़ान (Saif Ali Khan) भारत के सबसे अमीर घरानों में से एक 'पटौदी ख़ानदान' से ताल्लुक रखते हैं। सैफ शाही परिवार से हैं, सैफ के दादा का नाम इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी, एबम पिता का नाम मंसूर अली ख़ान पटौदी है। ये दोनों इंडियन टीम के क्रिकेटर और पटौदी रियासत के नवाव थे। इसीक्रम में वर्तमान में सैफ़ अली ख़ान 'पटौदी खानदान' के 10वें नवाब हैं।
ABP News की एक खबर अनुसार, पटौदी परिवार भारत के सबसे अमीर परिवारों में से एक है। संयुक्त संपत्ति की बात करें तो उसमें हरियाणा में पटौदी पैलेस और भोपाल में उसकी पुश्तैनी संपत्ति भी शामिल है। कुल संपत्ति 5000 करोड़ रुपये के क़रीब है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सैफ़ अपनी इस संपत्ति का कोई भी हिस्सा अपने बेटे तैमूर अली ख़ान और जहांगीर अली ख़ान को नहीं दे पाएंगे। ऐसा क्यों? आइये जानते है।
यंहा से सुरु हुआ पटौदी खानदान

दरअसल, सैफ़ अली ख़ान के परनाना हमीदुल्लाह ख़ान (Hamidullah Khan) अंग्रेज़ों के जमाने में भोपाल के नवाब हुआ करते थे। इनका कोई वारिश नहीं था, तो इन्होने अपनी बड़ी बेटी आबिद को अपनी 5000 करोड़ की संपत्ति का वारिस बना दिया। लेकिन देश का बंटवारा हुआ तो बह पाकिस्तान चली गई।
इसके बाद फिर हमीदुल्लाह ने अपनी मंझली बेटी साजिदा को इस प्रॉपर्टी का वारिस बनाया। साजिदा की शादी इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी के साथ हुई थी। इसी के साथ ये पटौदी के 8वें नवाब बन गये। इनके बाद उनकी बड़ी संतान मंसूर अली ख़ान 'पटौदी खानदान' के 9वें नवाब बन गए। जो कि सैफ अली खान के पिता थे।

पिता की मौत पश्चात सैफ़ अली ख़ान 'पटौदी खानदान' के 10वें नवाब बने। फ़िलहाल यही 'पटौदी खानदान' के इकलौते वारिस हैं।
5000 करोड़ की संपत्ति पर विवाद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंसूर अली ख़ान की मौत के बाद उनकी पत्नी और सैफ अली खान की माँ शर्मीला टैगोर को 5000 करोड़ की संपत्ति का केयर टेकर बनाया गया। लंबे समय से बही इस संपत्ति की देख-रेख कर रही थीं। इसके बाद शर्मिला टैगोर ने ये ज़िम्मेदारी अपनी बड़ी बेटी सबा अली ख़ान को सौप दी थी।
लेकिन 5000 करोड़ रुपये की इस पुश्तैनी संपत्ति की दिक्कत ये रही है कि 'पटौदी की वसीयत' का स्पष्टीकरण किसी के भी पास नहीं है। यानी इस संपत्ति की असली बसीयत ट्रांसफर किसी के पास नहीं है। ऐसे में पटौदी हाउस से संबंधित सभी संपत्तियां और बाकी की संपत्तियां भारत सरकार के विवादास्पद शत्रु विवाद अधिनियम के अंतर्गत आ गई।
इस तरह कोई भी ऐसी किसी भी संपत्ति या संपत्ति का उत्तराधिकारी होने का दावा नहीं कर सकता है जो इसके दायरे में आती है। अगर कोई व्यक्ति शत्रु विवाद अधिनियम का विरोध करना चाहते हैं और किसी भी संपत्ति पर दावा करना चाहते हैं जो उन्हें लगता है कि उनका अधिकार है, तो उन्हें उच्च न्यायालय का रुख करना होगा।
'पटौदी खानदान' की इस प्रॉपर्टी पर शुरू से ही विवाद रहा है। 'पटौदी खानदान' की भोपाल वाली संपत्ति अब 'शत्रु संपत्ति विवाद अधिनियम' के अंतर्गत आ चुकी है। पिछले कई सालों से इस पूरी संपत्ति की जांच गृह मंत्रालय के 'शत्रु संपत्ति विभाग' के द्वारा की जा रही है।
तैमूर वारिस होंगे या नहीं?
सैफ़ ने अमृता सिंह के साथ पहली शादी की थी, जिनसे उनकी एक बेटी सारा अली ख़ान और एक बेटा इब्राहिम अली ख़ान है। इसके बाद सैफ अली खान ने 2012 में करीना कपूर से दूसरी शादी की थी। इनके दो बेटे तैमूर अली ख़ान और जहांगीर अली ख़ान हैं। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि तैमूर व जहांगीर इस पुश्तैनी संपत्ति के हकदार नहीं बन सकते हैं क्योंकि ये संपत्ति अब 'शत्रु संपत्ति विभाग' के कब्ज़े में आ चुकी है। उन्हें इसके लिए बाकायदा कोर्ट का रुख करना पड़ सकता है।