जंहा सलमान पर लगा 'काले हिरण' शिकार का आरोप, वंहा बनेगा स्मारक!

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बालीवुड अभिनेता सलमान खान पर करीब 23 साल पहले 1998 में जोधपुर जिले के कांकाणी में काले हिरण का शिकार करने का आरोप लगा था। जिसके बाद, आरोप तय हुए और सलमान खान को जेल की हवा खानी पड़ी। अभिनेता सलमान खान देशभर में एक बड़े हीरो के तौर पर जाने जाते हैं, लेकिन राजस्थान के जोधपुर के कांकाणी गांव में सलमान खान को 'विलेन' के तौर पर देखा जाता है। कारण हिरन शिकार। 

और अब जिस काले हिरण का शिकार सलमान खान सहित फिल्मी हस्तियों ने किया था, उस काले हिरण को इस गांव में हीरो का दर्जा दिया जा रहा है। 23 साल पहले काले हिरण शिकार मामले के बाद उसका भव्य स्मारक कांकाणी गांव में बनने जा रहा है। यहां हिरण की पंच धातु की प्रतिमा लगाई जाएगी। 

काले हिरण का स्मारक बनाएंगे गांव के लोग

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विश्नोई समाज स्मारक के साथ रेस्क्यू सेंटर भी बनाएगा। इसे लेकर पहले चरण का काम पूरा हो गया है। करीब सात बीघा जमीन में यह स्मारक बिश्नोई समाज के युवा तैयार कर रहे हैं। इन युवाओं ने कांकाणी समूह नाम से एक संगठन बनाया है। यह स्मारक बिश्नोई समाज के युवाओं को पशु संरक्षण की प्रेरणा देगा। 

हिरण को शहीद मानते हैं गांव के लोग!

जोधपुर से 30 किलोमीटर दूर लूणी पुलिस थाना क्षेत्र के कांकाणी गांव में साल 1998 में सलमान खान सहित अन्य फिल्मी हस्तियों ने मिलकर काले हिरण का शिकार किया था। कांकाणी गांव में दो और एक अन्य स्थान पर एक हिरण का शिकार किया गया था। पुलिस में मामला दर्ज किया गया था। 

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Image source: ABP News

इस मामले में पांच अप्रैल, 2018 को सलमान खान को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में वह जेल जा चुके हैं। फिलहाल, जमानत पर है। मामला राजस्थान हाई कोर्ट में विचाराधीन है। 

जिस जगह हिरण को गोली मारी गई और जहां वह गिरा, उस जगह पर कांकाणी के बिश्नोई समाज के लोगों ने पहले छोटा समाधि स्थल बनाया था लेकिन अब उसे भव्य स्मारक बनाने जा रहे हैं। 

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Image source: social media

बिश्नोई टाईगर फोर्स के संगठन मंत्री ओम प्रकाश लोल ने बताया कि कांकाणी में जहां स्मारक बनाया जा रहा है, वहां पर 20 जेसीबी से कंटीली झाड़ियो की कटाई कर मैदान तैयार किया जा रहा है। स्मारक के लिए पत्थर भी मंगवा लिए गए हैं। स्मारक बनाने का कार्य एक माह में पूरा कर लिया जाएगा।

पूरा खर्चा उठाएंगे ग्रामीण 

आपको बता दे, इस स्मारक के निर्माण में लाखो का खर्चा आएगा, जिसका बहन खुद विश्नोई समाज मिलकर उठाएगा। बह चंदा करेंगे और हिरण की याद में स्मारक का निर्माण करेंगे। मृतक हिरणों के स्मारक स्थल के साथ ही घायल हिरणों के इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है।