जब लता जी को मारने के लिए दिया गया था 'जहर', 3 महीने तक पड़ी रही थीं बिस्तर पर!

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lata mangeshkar story

अपनी आवाज से पूरी दुनिया पर राज करने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अब हमारे बीच नहीं रहीं। देश में शोक पसरा हुआ है। इन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में कई ऐसे गाने गाए हैं जो लोगों की जुबां पर आज तक है। लेकिन आज हम आपको लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Life Story) से जुड़ा वो किस्सा बताएंगे शायद जिसकी आपको खबर तक ना हो। ये किस्सा एक साजिश का है जिसमें लता दीदी को जान से मारने के लिए जहर तक दे दिया गया था। 

लता ताई को दिया गया था धीमा जहर!

लता दीदी (Lata Mangeshkar) के इस जान से मारने वाले किस्से का जिक्र लता मंगेशकर के करीबी मित्र पद्मा सचदेव की किताब 'ऐसा कहां से लाऊं' में भी है।  इसमें बताया गया कि अपनी मीठी आवाज से लोगों पर जादू करने वालीं लता मंगेशकर के जीवन में एक ऐसा समय भी आया था, जब 1962 में उनके स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई थीं और उन्हें ‘‘जहर'' देने संबंधी चौंकाने वाली खबर सामने आई थी। 

lata mangeshkar

बताया जाता है कि जब वे 33 साल की थीं, तब किसी ने उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की थी। एक बार खुद लता मंगेशकर ने इस कहानी के पीछे से पर्दा हटाया था। उन्होंने एक बातचीत में कहा था:-

"हम मंगेशकर्स इस बारे में बात नहीं करते, क्योंकि यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। साल था 1963। मुझे इतनी कमजोरी महसूस होने लगी कि मैं बेड से भी बमुश्किल उठ पाती थीं। हालात ये हो गए कि मैं अपने दम पर चल फिर भी नहीं सकती थी।"

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एक दिन, मुझे पेट में बहुत दर्द हो रहा था, और फिर मुझे उल्टी हुई। डॉक्टर ने मेरे पेट का एक्स-रे किया और कहा कि मुझे धीमा जहर दिया जा रहा है। 

तीन महीने तक बेड पर रही थीं लता मंगेशकर 

इस घटना ने गायिका को शारीरिक रूप से कमजोर बना दिया, और वह लगभग तीन महीने तक बिस्तर पर पड़ी रही थीं। वे कहती हैं:-

"इस बात की पुष्टि हो चुकी थी कि मुझे धीमा जहर दिया गया था। डॉक्टर्स का ट्रीटमेंट और मेरा दृढ़ संकल्प मुझे वापस ले आया। तीन महीने तक बेड पर रहने के बाद मैं फिर से रिकॉर्ड करने लायक हो गई थी।"

जहर देने वाले का पता चल गया था

एक बार मीडिया से बातचीत के दौरान लताजी ने कहा था कि मंगेशकर परिवार कभी भी इस दर्दनाक घटना को याद नहीं करना चाहता है। हम इसको लेकर कोई बात नहीं करना चाहते हैं। हालांकि, इस साजिश का पर्दाफाश भी हुआ। जब लता जी से पूछा गया कि कभी इस बात का पता चला कि उन्हें जहर किसने दिया था? तो उन्होंने जवाब में कहा:-

"जी हां, मुझे पता चल गया था, लेकिन हमने कोई एक्शन नहीं लिया क्योंकि हमारे पास उस इंसान के खिलाफ कोई सबूत नहीं था।"

घर का रसोइया हो गया था फरार!

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस घटना के सामने आते ही लता के घर खाना बनाने वाले कुक फरार हो गया था। इसके बाद दिवंगत बॉलीवुड गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी नियमित रूप से दीदी के पास जाते थे, पहले उनके भोजन का स्वाद चखते थे और उसके बाद ही उन्हें खाने की अनुमति देते थे।