कंगना ने उड़ाया बापू का मजाक, कहा- दूसरा गाल आगे करने से आजादी नहीं भीख मिलती है!

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर विवाद थमा नहीं था कि उन्होंने फिर एक विवादित पोस्ट शेयर किया है। इस बार उन्होंने महात्मा गांधी पर निशाना साधा है। कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने मंगलवार को एक नए विवाद को जन्म देते हुए दावा किया कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) से कोई समर्थन नहीं मिला।
न्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि दूसरा गाल आगे करने से 'भीख' मिलती है न कि आजादी। कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर महात्मा गांधी को भूखा और चालाक बताया है। उन्होंने यह तक कह दिया कि महात्मा गांधी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए।
गाल पर थप्पड़ खाने से नहीं मिली आजादी
रनौत ने 'इंस्ट्राग्राम' पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर महात्मा गांधी को निशाना बनाया और कहा कि अपने नायकों को समझदारी से चुनो। कंगना ने इंस्टा स्टोरी पर एक पुराने न्यूज पेपर का एक आर्टिकल शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा कि आप या तो गांधी के फैन हो सकते हैं या फिर नेताजी के सपोर्टर। आप दोनों नहीं हो सकते। इसका फैसला खुद करें।
कंगना ने एक अखबार में छपी एक खबर को शेयर की है जिसकी सुर्खी है, 'गांधी, अन्य नेताजी को सौंपने के लिए सहमत हुए थे।' इस खबर में दावा किया गया है कि गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ सहमति बनी थी कि यदि बोस देश में प्रवेश करते हैं तो वे उन्हें सौंप देंगे।
एक अन्य पोस्ट में रनौत ने दावा किया है, 'जिन लोगों ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी उन्हें ऐसे लोगों ने अपने आकाओं को सौंप दिया जिनके पास अपने उत्पीड़कों से लड़ने का साहस नहीं था या जिनका खून नहीं खौलता था बल्कि वे चालाक और सत्ता लोलुप थे।'
ये वही लोग थे, जिन्होंने हमें सिखाया अगर कोई तुम्हारे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उसके सामने अपना दूसरा गाल आगे कर दो और इस तरह तुमको आजादी मिल जाएगी। ऐसे किसी को आजादी नहीं मिलती, सिर्फ भीख मिलती है, अपने हीरो समझदारी से चुनें।'
इसके बाद उन्होंने गांधी पर निशाना साधते हुए यहां तक दावा किया कि इस बात के सबूत हैं कि वह चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी दी जाए।
कंगना (Kangana Ranaut) ने दूसरे पोस्ट में लिखा, 'गांधी ने भगत सिंह और नेताजी को कभी भी सपोर्ट नहीं किया। इसके कई सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए। इसलिए आपको चुनना है कि आप किसे सपोर्ट करते हैं।
कंगना ने कहा कि यह लोगों को अपने इतिहास और अपने नायकों बारे में जानने समय का है। उन्होंने कहा, 'उन सभी को केवल अपनी स्मृति के एक खांचे में रखना और हर साल उन सभी को जन्मदिन की बधाई देना पर्याप्त नहीं है, यह न केवल मूर्खता है, बल्कि अत्यधिक गैर-जिम्मेदार और सतही है।'