अमिताभ बच्चन को 'सरजी' ना बोलने की भारी कीमत चुकाई, कादर खान ने खुद किया था खुलासा!

हिंदी सिनेमा के मशहूर कलाकार कादर खान एक अच्छे हास्य कलाकार और खलनायक तो रहे ही साथ ही संवाद लेखक के तौर पर भी उन्होंने तमाम सुपरहिट फिल्में दीं। कादर खान ने अमिताभ बच्चन से लेकर गोविंदा जैसे सितारों के साथ कई बार काम किया है। कादर खान चार दशकों से अधिक समय तक बॉलीवुड में न केवल एक एक्टर थे, बल्कि एक निर्देशक और स्क्रिप्ट राइटर भी थे। उन्होंने अमिताभ बच्चन के लिए कई फिल्मों में डायलॉग लिखे।

एक तरीके से कहा जाए तो अमिताभ को इस मुकाम तक पहुंचाने में कादर खान का भी हाथ रहा। वंही दोनों काफी अच्छे दोस्त हुआ करते थे हालांकि बाद में उनके रिश्ते खराब होते चले गए। कुछ ऐसा ही एक कादर खान का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता रहता है, जिसमे बह अमिताभ बच्चन को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे करते दिख जाते है। तो क्या है उस वायरल वीडियो की कहानी? चलिए हम आपको बताते है।
अमिताभ को ‘सरजी’ नहीं कह पाए थे कादर खान!
कादर खान ने एक बार बताया था कि क्यों वे दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन को ‘सरजी’ कहकर नहीं बुला सकते थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि दोनों सितारों के बीच काफी मधुर संबंध थे। एक पुराने इंटरव्यू में, कादर ने यह भी बताया था कि इसके बाद अमिताभ के साथ कई प्रोजेक्ट्स से उन्होंने दूरी बना ली थी या फिर उनका हिस्सा नहीं रहे थे।

फिल्मी ड्रामा द्वारा साझा किए गए एक पुराने इंटरव्यू के एक वीडियो में, कादर खान कहते नजर आए थे कि मैं अमितजी को ‘अमित, अमित’ बोलता था। तभी किसी प्रोड्यूसर ने मुझसे आकर कहा कि आप सर जी को मिले? मैंने कहा कि कौन सर जी? इस पर वह बोला आप नहीं जानते? उसने अमिताभ की ओर इशारा कर कहा कि वह हमारे सर जी हैं। मैंने कहा कि वह तो अमित है, सरजी कब से हो गए?
#महानायक_या_महानालायक
— 🇮🇳कल्याणी_पुष्पा🇮🇳 (@P_Katyayan) October 11, 2020
अमिताभ बच्चन वही इंसान है जिसने KBC में एक महिला को घूंघट डालने पर दकियानूसी और पिछड़ेपन की निशानी कहा वही बुर्के में आई महिला के लिए ताली बजाई कि वो अपने कल्चर का पालन कर रही है।अच्छाकलाकार पर दोगला इंसान है।,सुनिए कादर खान को अमिताभ ने क्या किया उनके साथ👇 pic.twitter.com/bsfioa9ZB0
कादर खान ने आगे बताया था, ‘सबने सरजी बोलना शूरु कर दिया था। मेरे मुंह से सर जी नहीं निकला और मुंह से सरजी नहीं निकला तो मैं उस ग्रुप से निकल गया। क्या कोई अपने दोस्त को, अपने भाई को और किसी नाम से पुकार सकता है? उनसे वो राब्ता नहीं रहा।

उन्होंने आगे कहा कि यही कारण है कि खुदा गवाह में मैं नहीं था, फिर गंगा जमुना सरस्वती आधी लिखी, आधी छोड़ दी। इसके अलावा भी कई ऐसी फिल्में थीं जिस पर मैंने काम करना शुरू किया था लेकिन फिर मैंने उन फिल्मों को छोड़ दिया।
कादर खान और अमिताभ ने साथ में किया काम
बताते चलें कि कादर खान ने अमिताभ बच्चन के साथ 'अदालत', 'सुहाग', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'नसीब' और 'कुली' जैसी फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा कादर खान ने अमिताभ बच्चन की 'अमर अकबर एंथनी', 'सत्ते पे सत्ता' और 'शराबी' जैसी फिल्मों के डायलॉग भी लिखे हैं।
अमिताभ और कादरखान के बीच आई 'राजनीति'
एक अन्य इंटरव्यू में कहते हैं कि अमिताभ बच्चन अपने दोस्त राजीव गांधी के कहने पर राजनीति में आए थे। 1984 के लोकसभा चुनाव में अमिताभ इलाहाबाद संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे और जीते भी।' कादर खान ने बताया था कि सांसद बनने के बाद अमिताभ बच्चन का बर्ताव बिल्कुल अलग हो गया था।

उन्होंने कहा, 'अमिताभ के साथ मेरा एक रिश्ता था। वो एमपी बनने गया तो मैं खुश नहीं था क्योंकि सियासत की दुनिया ऐसी है जो इंसान को बदल देती है। जब वो सांसद बनकर आया तो वो मेरा अमिताभ बच्चन नहीं था।'
कादर खान के बेटे ने अमिताभ को लेकर क्या बोला?

कादर खान के बेटे सरफराज खान ने कहा था, 'मेरे पिता एक व्यक्ति से सबसे ज्यादा प्यार करते थे वह बच्चन साब (अमिताभ बच्चन) थे। मैं अपने पिता से पूछता था कि वह फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा किसे मिस करते हैं इस पर उनका जवाब बच्चन साब होता था। मुझे पता है कि दोनों तरफ से यह प्यार था।'
बड़ी तकलीफ में गुजरे कादरखान के आखरी दिन!
आपको बता दे, कादर खान का अंतिम समय काफी मुश्किलों भरा रहा। साल 2015 में उनके घुटनों का ऑपरेशन हुआ जिसके बाद उन्हें चलने फिरने में परेशानी होने लगी और वो केवल व्हील चेयर पर ही रहने लगे।

जानकारी के मुताबिक उन्हें मेमोरी लॉस की परेशानी भी हो गई थी जिसके चलते उन्हें कुछ याद नहीं रहता था। 31 दिसंबर 2018 को कनाडा में कादर खान ने अंतिम सांस ली। वहीं उनका अंतिम संस्कार भी किया गया।