मुश्किल में फंसी कंगना रनौत... जावेद अख्तर के साथ पंगा लेना भारी पड़ गया?

कंगना रनौत के खिलाफ जावेद अख्तर द्वारा फाइल किए गए मानहानि के केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना फैसला 09 सितंबर तक के लिए टाल दिया है। लेकिन अब खबर आ रही है कि मशहूर गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मानहानि मामले (Defamation Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका फाइल की है।
मुश्किल में फंसी कंगना?
दरअसल नवंबर 2020 में फिल्म राइटर और लिरिसिस्ट जावेद अख्तर ने अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट कोर्ट में सामने कंगना के खिलाफ क्रिमिनल कंप्लेंट दर्ज करवाई थी। जावेद अख्तर का आरोप ये था कि कंगना ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान उनके ऊपर डिफेमेटरी और बेबुनियाद इल्ज़ाम लगाए। जावेद अख्तर ने अपनी शिकायत में कहा था कि:-
''कंगना रनौत ने नेशनल और इंटरनेशनल टेलीविजन पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा था कि ऐसा करने के पीछे एक्ट्रेस का केवल उनकी छवि को पब्लिक के बीच धुमिल करना मकसद था।''
इसके बाद कंगना मानहानि याचिका को रद्द करवाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गईं, जहां से उन्हें करारा झटका लगा। हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को रद्द कर दिया। आपको बता दें कि गुरुवार को इस मानहानि केस की बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसमें जस्टिस रेवती मोहिते ने अपना फैसला सुनाते हुए कंगना रनौत की मानहानि की याचिका का रद्द करने वाली अर्जी का खारिज कर दिया था। इससे कंगना रनौत को एक बड़ा झटका लगा।
और अब जावेद अख्तर ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की है, ताकि यदि कंगना रनौत बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करती हैं तो कोर्ट कोई भी फैसला या आदेश देने से पहले उनका भी पक्ष सुने। बता दें कि जावेद अख्तर ने अंधेरी कोर्ट में कंगना के खिलाफ मानहानि केस दायर किया था।
क्या होती है कैविएट याचिका?
बता दें कि कैविएट याचिका किसी व्यक्ति या शिकायतकर्ता को वो अधिकार देती हैं, जिसमें कि अगर उसे किसी भी तरह की आशंका हो तो वह उसे लेकर याचिका दायर कर सकता है। इस आवेदन को आपत्ति-सूचना या कैविएट (caveat) भी कहा जाता है। यह एक तरह से उस शिकायतकर्ता के लिए लाभकारी है, जिसे अपने किसी मामले में यह आशंका हो कि उसकी बात सुने बिना ही फैसला दे दिया जाएगा।