मुगल असली राष्ट्र निर्माता, उन्हें हत्यारा कहना बंद कीजिए...बजरंगी भाईजान के डायरेक्टर कबीर खान

बजरंगी भाईजान के फिल्म निर्माता कबीर खान ने 2006 में जॉन अब्राहम की फिल्म काबुल एक्सप्रेस से अपना करियर शुरू किया था। तब से लेकर अब तक कबीर खान ने एक था टाइगर जैसी तमाम हिट फिल्मों का निर्माण किया। वंही अब डायरेक्टर कबीर खान अपने एक बयान के चर्चा में हैं। अफगानिस्तान के हालात पर 'काबुल एक्सप्रेस' जैसी फिल्म बना चुके कबीर खान ने एक इंटरव्यू में मुगलों को असली 'राष्ट्र निर्माता' बताया है।

कबीर खान ने देश में मुगलों पर हो रही राजनीति पर बयान देते हुए कहा, कि मुगल असली राष्ट्र-निर्माता थे।' यही नहीं, उन्होंने फिल्मों में मुगलों को 'हत्यारा' दिखाए जाने पर भी नाराजगी जताई है। कबीर खान ने एक इंटरव्यू में कहा:-
‘मुझे इस तरह की फिल्में बहुत परेशान करती हैं क्योंकि ये सब ये पॉपुलर सोच को ध्यान में रखकर बनाई जा रही हैं। अगर आपने इतिहास पढ़ा है तो ये समझना मुश्किल होगा कि आखिर उन्हें विलेन के तौर पर क्यों दिखाया जा रहा है। मुझे लगता है कि वो लोग तो असली राष्ट्र-निर्माता थे और उन्हें हत्यारा किस आधार पर दिखाया जा रहा है। इसपर एक खुली बहस होनी चाहिए।''
कवीर खान ने आगे कहा, किसी भी चीज को दिखाने का सबका अलग नजरिया हो सकता है लेकिन जब आप मुगलों को गलत दिखाना चाहते हैं तो उसे बताइए कि आखिर वो गलत कैसे थे। अब सबसे आसान तरीका है मुगलों को और मुस्लिम शासकों को बुरा दिखाना। ये सब बहुत परेशान करने वाला है।

बॉलिवुड हंगामा' को दिए इंटरव्यू में कबीर खान आगे कहते हैं, 'यदि आप फिल्मों में मुगलों को गलत दिखना भी चाहते हैं तो प्लीज, इसके लिए पहले रिसर्च कीजिए और किसी पुख्ता आधार पर ही ऐसा दिखाइए। हमें यह भरोसा दिलाइए कि यह सच क्यों है? बताइए कि जैसा आप सोच रहे हैं, असल में वो विलन क्यों हैं।

यदि आप इतिहास पढ़ेंगे तो आपके लिए यह समझना मुश्किल होगा कि आखिर उन्हें विलन क्यों बनाया जा रहा है। मुझे लगता है कि वो असली राष्ट्र-निर्माता थे और सिर्फ कहने के लिए या लिखने के लिए यह बता देना कि नहीं, नहीं, नहीं वो तो हत्यारे थे, उन्होंने लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया, उन्होंने ये किया, उन्होंने वो किया। आप किस आधार पर यह बात कर रहे हैं? प्लीज, कोई ऐतिहासिक सबूत दिखाइए।
'मैं ऐसी फिल्मों का सम्मान नहीं कर सकता'

कबीर खान ने फिल्मों में मुगलों के चित्रण पर नारागजी जाहिर करते हुए आगे कहा, भारत के इतिहास में अलग-अलग मौकों पर मुगलों और दूसरे अनेक मुस्लिम शासकों को गलत तरीके से दिखाना, उन्हें पूर्वाग्रहों से भरे रूढ़ियों में फिट करने की कोशिश करना दुखद है। मैं ऐसी फिल्मों का सम्मान नहीं कर सकता।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये मेरे निजी विचार हैं और मैं एक बहुत बड़े समुदाय के लिए नहीं बोल सकता, लेकिन हां मैं फिल्मों में इस तरह की चीजों से परेशान हूं। फिल्ममेकर्स अपने विषय को लेकर खूब रिसर्च करते हैं और वह एक खास बात पर फोकस करते हैं, इसलिए अलग-अलग राय और दृष्टिकोण हो सकते हैं।
कुछ ऐसा था मुगल साम्राज्य

मुगल साम्राज्य (1526-1707) की स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी। अधिकतर मुगल शासक तुर्क और सुन्नी मुसलमान थे। बाबर का उत्तराधिकारी हुमायूं हुआ। उसके बाद अकबर, उसके बाद उसका पुत्र जहांगीर, उसके बाद शाहजहां और अंतिम मुगल शासक औरंगजेब था।

औरंगजेब को क्रूर शासक के तौर पर जाना जाता है। उसने राजगद्दी हथियाने के लिए अपने पिता शाहजहां को कैद करा दिया था। इतिहासकार कहते हैं कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में हिंदुस्तान की जनता पर क्रूरतम अत्याचार किए।