क्यों ताउम्र बेऔलाद रहे Dilip Kumar? इसके पीछे छिपी है ये दर्दनाक वजह!

Dilip Kumar इस दुनिया को भले ही अलविदा कह चुके हैं, लेकिन उनका और सायरा बानो का रिश्ता हमेशा दूसरों के लिए एक मिसाल बनकर रहेगा। दिलीप कुमार ने 1966 में सायरा बानो से शादी की थी। जिस समय दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी हुई थी उस समय सायरा बानो 22 और दिलीप साहब 44 साल के थे।
एक ओर जहां दुनियाभर से लोग दिलीप साहब को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, तो वहीं उनके संग हमेशा परछाई की तरह साथ रहने वाली उनकी पत्नी सायरा बानो के लिए इस दुख से उबर पाना आसान नहीं होगा। दोनों 56 साल का साथ आखिरकार आज टूट गया।
ताउम्र बेऔलाद रहे दिलीप कुमार

सायरा बानो और दिलीप कुमार का रिश्ता दुनिया के सामने एक मिसाल है। ना जाने अपने जीवन में कितने उतार-चढ़ाव देखे लेकिन कुछ भी उन्हें एक-दूसरे से जुदा नहीं कर सका। ऐसे में शायद कल्पना भी नहीं की जा सकती है कि दिलीप कुमार के जाने के बाद दिग्गज अदाकारा किस पीड़ा से गुजर रही होंगी।
करियर में टॉप पर होने पर भी अपने से 22 साल बड़े ऐक्टर के साथ शादी के बंधन में बंधने वाली सायरा बानो को फिल्मी दुनिया छोड़ने का कोई मलाल नहीं था। सायरा खुद इस बात की कुबूल करती थीं कि उन्होंने किसी के दबाव में नहीं बल्कि अपनी इच्छा से फिल्मी दुनिया को अलविदा कहा था क्योंकि वह अपना पूरा ध्यान दिलीप कुमार पर लगाना चाहती थीं।

एक और सवाल है जो सभी के मन में आज भी आता है। वो यही कि दिलीप कुमार और सायरा बानो जिंदगीभर बेऔलाद क्यों रहे?
गर्भ में ही खो दिया था अपना बच्चा

दिलीप कुमार और सायरा बानो जिंदगीभर बेऔलाद रहे। इसे लेकर कई तरह की बातें की गईं। कुछ ने ये तक कह डाला कि एक्ट्रेस मां नहीं बन सकतीं, इसलिए इस जोड़े के जीवन में संतान सुख नहीं है।
लेकिन कहते हैं ना सच बहुत लंबे समय तक छुपता नहीं। इस राज से उनकी जीवनी ‘Dilip Kumar: The Substance and the Shadow’ में पर्दा उठा। दिलीप साहब ने इसमें खुद साझा किया था कि 1972 में सायरा गर्भवती थीं लेकिन आठवें महीने में उनका ब्लडप्रेशर हाई हो गया और डॉक्टर बच्चे को नहीं बचा सके।

अपने बच्चे को खोने के बाद सायरा बानो और दिलीप कुमार टूटे जरूर, लेकिन इसने उनके प्यार को नहीं तोड़ा। उल्टा दोनों का एक-दूसरे के लिए समर्पण और बढ़ गया।
जिंदगी भर निभाया साथ

इस घटना को दोनों ने भगवान की इच्छा माना और संतान के बारे में फिर कभी सोचा ही नहीं। दुनिया में ऐसे न जाने कितने जोड़े हैं, जिनकी राहें इसलिए अलग हो गईं क्योंकि उन्हें औलाद का सुख नहीं मिला। दिलीप साहब और सायरा बानो का रिश्ता सिखाता है कि संतान ही जोड़े के जीवन में सबकुछ नहीं होती है।

जब पति-पत्नी जीवनभर एक-दूसरे का साथ निभाने और प्यार करने का वादा करते हैं, तो इस तरह के दुख का भी वो मिलकर सामना करते हैं और इससे उबरकर अपने रिश्ते को और मजबूती देते हैं।
बच्चे नहीं होने पर सायरा ने कही थी ये बात

एचटी को दिए एक इंटरव्यू में जब सायरा से पूछा गया था कि क्या उन्हें परिवार में बच्चे नहीं होने का मलाल नहीं? तो इस पर अदाकारा ने जवाब दिया था कि ‘हमारी शादी मेरे लिए जिंदगी में सबसे ज्यादा अहमियत रखती है। मुझे बच्चे की कमी महसूस नहीं होती क्योंकि दिलीप साहब खुद दिल से बच्चे जैसे हैं।’
कुछ ऐसी हुई दोनों के प्यार की शुरुआत

सायरा बानो के मुताबिक दिलीप कुमार को वह तब से चाहती थीं जब वो केवल 12 साल की थीं। 1952 में रिलीज हुई ‘दाग’ में दिलीप कुमार को देखने के बाद वे उन्हें अपना दिल दे बैठी थीं। वहीं, दिलीप कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हे सायरा से तब प्यार हुआ जब वो उनकी बर्थडे पार्टी में गए थे।
इसके बाद दिलीप कुमार ने सायरा को उस समय प्रपोज किया जब वो ‘झुक गया आसमान’ की शूटिंग कर रही थीं।
1922 में हुआ था दिलीप कुमार का जन्म

बता दें कि दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। उनका असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था। अभिनय की दुनिया में कदम रखने के बाद उन्हें दिलीप कुमार के नाम से शोहरत मिली। दिलीप कुमार का जन्म लाला गुलाम सरवार के घर हुआ था जो फलों के व्यापारी थे। पेशावर में उनके पिता के बाग थे। दिलीप कुमार 12 भाई- बहन थे।