आर्यन खान बेगुनाह? हाईकोर्ट को नहीं मिले आर्यन खान को अपराधी साबित करने के सबूत

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aryan khan

क्रूज ड्रग्स केस में 26 दिन हिरासत में रहे आर्यन खान के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पास कोई सबूत ही नहीं था। ऐसा हम नहीं बल्कि जमानत के ऑर्डर की डिटेल कॉपी कोर्ट में कह रही है, इससे पता चलता है कि एनसीबी के पास आर्यन खान, मुनमुन धमेता और अरबाज मर्चेंट के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। और अब आर्यन खान को मुंबई क्रूज ड्रग केस में मिली जमानत के ऑर्डर की डिटेल भरी कॉपी बॉम्बे हाई कोर्ट ने जारी कर दी है। 

mumbai high court

कोर्ट ने जमानत देने का कारण बताया है। कहा है कि इन तीनों के खिलाफ ड्रग्स मामले में कोई पॉजिटिव सबूत नहीं मिला है। साथ ही कोर्ट ने बताया कि आर्यन खान के वॉट्सऐप चैट में भी कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला है, जिससे पता चलता हो कि इन तीनों के बीच कोई साजिश रची जा रही थी। इस बारे में हाईकोर्ट ने कहा:-

'कोर्ट के सामने ये साबित करने के लिए कोई ऑन-रिकॉर्ड पॉजिटिव सबूत पेश नहीं किए गए हैं कि सभी आरोपी व्यक्ति सामान्य इरादे से गैरकानूनी कार्य करने के लिए सहमत हुए।' आगे कहा गया है, 'अदालत इस बात के प्रति सेंसेटिव है कि सबूत के रूप में बुनियादी सामग्री होनी चाहिए, जिससे आवेदकों के खिलाफ साजिश के मामले को साबित किया जा सके।'

आर्यन खान ने नहीं की साजिश

ऑर्डर के मुताबिक, आवेदक/आरोपी न. 1 (आर्यन खान) के फोन की व्हाट्सएप चैट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है, जो इस बात का इशारा करे कि आवेदकों 2. और 3. (अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धामेचा) इस अपराध को करने की साजिश कर रहे थे।  

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इस मामले में मुश्किल से ही कोई सकारात्मक सबूत है जो बताता है कि तीनों मिलकर इस अपराध को करना चाहते थे। इतना ही नहीं, कोर्ट ने ऑर्डर में यह भी कहा कि तीनों का मेडिकल चेकअप भी नहीं हुआ था। जिससे पता चले कि उन्होंने सही में उसी समय ड्रग्स लिये थे। 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14 पन्नों के रिलीज ऑर्डर के साथ आदेश में ये भी कहा है कि NCB, जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए सभी आरोपी व्यक्तियों के कन्फेशन वाले बयान पर भरोसा नहीं कर सकता है, क्योंकि ये बाध्यकारी नहीं है।

NCB की थ्योरी की बॉम्बे हाईकोर्ट ने उड़ाई धज्जियां!

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एनसीबी ने कोर्ट में दलील दी थी कि आरोपियों ने इस बात को कुबूल किया है कि उन्होंने ड्रग्स लिया था। इस बात को साफ करते हुए हाईकोर्ट ने ऑर्डर में लिखा कि एनसीबी ने जो सामग्री पेश की है, उससे आरोपी के खिलाफ ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिलता। हाईकोर्ट ने बताया है कि सारे अभियुक्तों के बीच कोई सहमति बनी थी और इससे पहले उन्होंने साथ मिलकर यह साजिश रचाई थी, यह साबित करने के लिए कोई सबूत होने चाहिए।

कोर्ट के ऑर्डर में कहा गया है कि आवेदक क्रूज से ट्रेवल कर रहे थे, सिर्फ इस बात का हवाला देकर उन पर सेक्शन 29 नहीं लगाया जा सकता। अंत में कोर्ट ऑर्डर में कहा गया है कि यह कहना मुश्किल है कि आवेदकों किसी भी तरह के ड्रग्स रखने के आरोपी है। हाईकोर्ट ने साफ बताया है कि साथ-साथ ट्रैवल किया हो, इस बात को साजिश रचने का आधार नहीं मान सकते। 

जमानत देते समय क्या थीं हाईकोर्ट की शर्तें

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बता दें कि 2 अक्टूबर की रात एनसीबी ने मुंबई से गोवा जा रहे कॉर्डिएल क्रूज शिप में चल रही रेव पार्टी पर छापेमारी के बाद ड्रग्स लेने और खरीद-फरोख्त करने के आरोप में आर्यन खान के साथ मुनमुन धमेचा, अरबाज मर्चेंट सहित कई लोगों हिरासत में लिया था। जिसके बाद काफी लंबी जद्दोहद चली आर्यन की जमानत के लिए, और अंत में हाई कोर्ट ने 14 शर्ते लगाते हुए आर्यन को जमानत दे दी। 

आर्यन खान की ज़मानती एक्ट्रेस जूही चावला बनी। उन्होंने 29 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होकर तमाम ज़रूरी कार्रवाई पूरी की थी। बेल पेपर्स पर साइन भी किए थे। 14 शर्तों में एक शर्त ये भी है कि आर्यन भविष्य में ड्रग्स से जुड़ी गतिविधियों का हिस्सा नहीं बनेंगे।