हाईकोर्ट में रोहतगी की ये 5 दलीले...और शाहरुख़ के घर लौटी खुशियां!

क्रूज ड्रग्स केस में आखिरकार आर्यन खान को जमानत मिल ही गई। उनके साथ अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को भी जमानत दी गई। अब लगभग 26 दिनों बाद शाहरुख़ परिवार को इंतजार ख़त्म और मन्नत पूरी होती दिखी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के बाद ऑपरेटिव ऑर्डर जारी किया और तीनों आरोपियों को जमानत दे दी।
हालांकि, तीनों की जेल से रिहाई में अभी वक्त लगेगा। शुक्रवार को ऑर्डर कॉपी आने के बाद ही जेल प्रशासन रिहाई की प्रक्रिया पर काम शुरू करेगा। अब उन्हें शुक्रवार या शनिवार को जेल से रिहा किया जा सकता है। लेकिन इन सब के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में जस्टिस नितिन साम्ब्रे की अदालत में जो कुछ हुआ, उसे भी समझना जरूरी है। तो आइये जानते है।
मुकुल रोहतगी के इन 5 तर्कों के आगे NCB चित्त
आगे बढ़ने से पहले आपको कुछ चीजे समझने की जरूरत है, पहली यह कि ASG अनिल सिंह NCB के बकील है वंही मुकुल रोहतगी आर्यन खान के बकील। सुनबाई महाराष्ट्र हाई कोर्ट के जस्टिस नितिन साम्ब्रे की अदालत में हुई। चलिए अब आगे बढ़ते है और कोर्ट में पेस दलीलों की तरफ रुख करते है।
ASG अनिल सिंह ने कोर्ट में कहा कि आर्यन खान ने पहली बार ड्रग्स नहीं ली है। कई साल से वह इसका सेवन करते आ रहे हैं। हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि वह ड्रग्स उपलब्ध करवाते थे। आर्यन और अरबाज बचपन के दोस्त हैं। वो एकसाथ वहां पहुंचे थे। अरबाज के पास ड्रग्स बरामद हुआ इसका मतलब आर्यन भी इस ड्रग्स का सेवन करते।
इस दलील के जवाव में आर्यन खान के बकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि आर्यन को नहीं पता था कि अरबाज क्या ले जा रहा था। अरबाज मर्चेंट आर्यन के दोस्त हैं। वह आर्यन के नौकर नहीं हैं। उन पर आर्यन का कोई कंट्रोल नहीं है। ऐसे में उनके पास क्या है और क्या नहीं, इससे आर्यन का क्या लेना-देना। वंही सेवन के जवाव में मुकुल रोहतगी ने जवाव दिया कि पकड़ी गई ड्रग्स है 6 ग्राम चरस, जो कि पर्सनल यूज के लिए है, ना कि कर्मशियल के लिए।
साजिश और ड्रग्स का सेवन
केस आगे बढ़ा और दूसरी दलील दी गई, जिसमे NCB का पक्ष रखते हुए ASG अनिल सिंह ने कोर्ट में कहा, एनडीपीएस अधिनियम की धारा 28 और 29 कर्मशियल ड्रग्स मात्रा पर लगाई जाती है। यह एक पार्टी थी, और यंहा से बरामद ड्रग्स की मात्रा कर्मशियल है। दो दिनों के लिए हायर क्रूज पर कई तरह की ड्रग्स पकड़ी गई। क्योंकि मात्रा अधिक थी और ड्रग्स के प्रकार भी कई। यह संयोग नहीं हो सकता है कि क्रूज पर 8 लोग, इतनी मात्रा में इतने तरह के ड्रग्स के साथ पाए गए।
Bombay HC has granted bail to Aryan Khan, Arbaz Merchant, Munmun Dhamecha after hearing the arguments for 3 days. The detailed order will be given tomorrow. Hopefully, all they will come out of the jail by tomorrow or Saturday: Former AG Mukul Rohatgi, who represented Aryan Khan pic.twitter.com/jQGKYIBxrn
— ANI (@ANI) October 28, 2021
इस दलील के जवाव में आर्यन की तरफ से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि जहाज पर 1300 लोग थे, इतने लोगो में आर्यन और आवाज ही एक दूसरे को जानते थे। यहां कोई साजिश नहीं थी, क्योंकि कोई चर्चा नहीं हुई कि वे मिलेंगे और ड्रग्स का सेवन करेंगे। इस मामले में इसे साजिश करार देने के लिए कोई सबूत नहीं हैं। आर्यन सिर्फ अरबाज को जानते थे, किसी और को नहीं जानते।
मोबाइल चैट्स पर ड्रग्स की बाते
ASG अनिल सिंह ने कोर्ट में कहा, कि वॉट्सऐप चैट्स में कई बार ड्रग्स का जिक्र है। पेडलर्स और सप्लायर से बात है। इसके कई जगहों पर कर्मशियल मात्रा का भी जिक्र है। यह साजिश की ओर इशारा करता है। इसकी जांच होना बाकी है।
Aryan Khan has ultimately been released on bail by Bombay HC. No possession, no evidence, no consumption, no conspiracy, right from first moment when he was detained on Oct 2! Satya Meva Jayate: Legal team of lawyer Satish Maneshinde who represented Khan in drugs-on-cruise case pic.twitter.com/nQ1YeaSVq0
— ANI (@ANI) October 28, 2021
इसके जवाव में मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि जिन चैट्स की बात हो रही है वह 2 साल पुराने हैं, उनका क्रूज केस से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ एक चैट्स हैं, जो इस केस से संबंधित हैं, लेकिन वह ऑनलाइन पोकर गेम को लेकर हैं। उन्हें ड्रग्स से जोड़ना सही नहीं है।
जेल की जगह सुधार गृह भेजा जाए
ASG अनिल सिंह की तरफ से आर्यन की गिरफ्तारी और जमानत ना देने के विरोध में कई दलीले रखी गई जिसमे ड्रग्स की मात्रा और पेंडलर से संबंध होने तक की बाते कही गई। वंही इन सभी सवालो के जवाव में आर्यन के बकील द्वारा कोर्ट को कई तरह के तर्क दिए गए। रोहतगी ने आर्यन की गिरफ्तारी एवं उन्हें इतने दिनों तक जेल में रखे जाने पर भी सवाल खड़े किए।
मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट के रागिनी द्विवेदी बनाम कर्नाटक राज्य के फैसले का हवाला दिया। कानून का आशय यह है कि यदि आप कम मात्रा में उपभोग करते हैं या पकड़े जाते हैं और यदि आप पुनर्वास के लिए जाते हैं तो अभियोजन से छूट मिलती है। यदि आप साजिश और उकसाने के अपराधों को धारा 8 (सी), 20 (बी) और 27 में लागू करते हैं, तो केवल सजा 1 साल से ज्यादा कुछ नहीं है।
जमानत के लिए कोर्ट से बिनती
रोहतगी ने अपनी दलीलें समाप्त करते हुए कहा, "मैं सम्मानपूर्वक प्रस्तुत करता हूं कि यह मामला जमानत के लिए है।"
कौन है मुकुल रोहतगी?
देश के जाने- माने वकीलों में शुमार मुकुल रोहतगी ने कानून की पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट ला कालेज से की थी। उनके पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्ली हाईकोर्ट के जज रह चुके थे। उनको 19 जून 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश का अटार्नी जनरल बनाया गया था। देश के कई बड़े केसो को मुकुल रोहतगी कोर्ट में पैरबी कर चुके है।
एक सुनबाई की कितनी फीस लेते है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकुल रोहतगी अपनी एक सुनवाई के लिए करीब 10 लाख रुपए की फीस लेते हैं। हालांकि एक RTI में दिए जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने बताया था कि उन्होंने सीनियर काउंसिल मुकुल रोहतगी को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जज बीएच लोया केस के लिए फीस के रूप में 1.21 करोड़ रुपए दिए थे।