"अरे भाई! शेर के दांत होंगे तो दिखाएगा ही", अशोक स्तंभ विवाद में अनुपम खेर ने दिया करारा जवाब!

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anupam kher

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ का अनावरण किया। राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ के अनावरण के बाद से ही राजनैतिक विवाद शुरू हो गया है। एक तरफ जहां विपक्षी दल अशोक स्तंभ में शेर की आकृति पर आपत्ति जताते हुए यह आरोप लगा रहे हैं कि इस नए राष्ट्रीय चिह्न में शेर को आक्रामक दिखाया गया है, जबकि असल चिह्न में शेर सौम्य दिखाई देते हैं। 

वहीं दूसरी तरफ राजनेताओं से लेकर बॉलीवुड सितारों तक कई लोग भाजपा का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। जी हां, राजनेताओं के बीच चल रही आलोचना के बीच, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर भी कूद पड़े है। उन्होंने राष्ट्रीय चिन्ह पर चल रहे विवाद पर अपना रिएक्शन दिया है। तो चलिए हम आपको बताते है कि अनुपम खेर ने क्या कहा है?

राष्ट्रीय चिन्ह का आवरण और आलोचना!

 

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Image Source: Social Media

दरअसल, 11 जुलाई को नए संसद भवन में राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ का अनावरण किया गया। जिसके बाद से ही इस पर विवाद शुरू हो गया है। जिसके बाद कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दोलों ने अशोक स्तंभ के रूप को बदलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, मोहक औऱ राजसी शान वाले शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण कर राष्ट्रीय प्रतीक के रूप को बदलने की बात की।  

अनुपम खेर ने किया विवादों पर रिएक्ट!


आपको बता दे, राजनेताओं के बीच चल रही आलोचना के बीच, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। अनुपम खेर ने प्रधानमंत्री संग्रहालय की वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, "अरे भाई! शेर के दांत होंगे तो दिखाएगा ही! आखिरकार स्वतंत्र भारत का शेर है। जरूरत पड़ी तो काट भी सकता है! जय हिंद!"

विवेक अग्निहोत्री ने बताया विरोधियों को अर्बन नक्सली!

वंही अनुपम खेर के अलावा द कश्मीर फाइल्स के निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर लिखा, 'सेंट्रल विस्टा पर लगे नए राष्ट्रीय प्रतीक ने एक बात साबित कर दी है कि सिर्फ एंगल बदलकर अर्बन नक्सलियों को बेवकूफ बनाया जा सकता है। विशेष रूप से लो एंगल।' 

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वहीं एक अन्य ट्वीट में विवेक ने वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण को कोट-ट्वीट करते हुए लिखा, 'अर्बन नक्सलियों को बिना दांतों वाला खामोश शेर चाहिए। ताकि वे इसे पालतू जानवर की तरह इस्तेमाल कर सकें।'

असदुद्दीन ओवैसी ने दागे सवाल!

बता दें, इस पूरे मामले की शुरुआत हैदराबाद के सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने की। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा अनावरण करने को लेकर भी सवाल करते हुए इसे संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन बताया। ओवैसी ने कहा कि, सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। 


ओबैसी बोले कि संसद का मालिक लोकसभा अध्यक्ष होता है। वंही जब लोकसभा अध्यक्ष अनावरण के समय मौजूद थे तो पीएम मोदी को संबैधानिक रूप से लोकसभा अध्यक्ष से अनावरण कराना चाहिए था, वल्कि पीएम खुद उनकी जगह खड़े होते तो ज्यादा अच्छा होता। आपको बता दे, ऐसा ओबैसी ने आजतक पर दिए अपने इंटरव्यू में कहा था। 

एम्बलम डिजाइनर ने बताया एंगल का फर्क!

 

आपको बता दे, सुनील देवरे और रोमिल मूसा दोनों आर्टिस्ट ने मिलकर 9500 किलो का ब्रॉन्ज एम्बलम डिजाइन किया है। आजतक को दिए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने स्वीकारा कि ये अशोक स्तंभ ओरिजिनल वाले से बिलकुल भी अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि शेर इसलिए अलग दिख रहे हैं क्योंकि फोटो लो एंगल से ली गई है।