अमिताभ बच्चन के बंगले पर BMC जल्द कर सकती है तोड़फोड़, इसके पीछे है बड़ी वजह

महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के आलीशान बंगले प्रतीक्षा को लोग काफी पसंद करते हैं। बिग बी के इस बंगले का नाम काफी मशहूर है। लेकिन अब जल्द ही बीएमसी इसमें तोड़फोड़ की कार्रवाई कर सकती है।
यह दीवार तोड़ने के लिए 2017 में ही अमिताभ बच्चन को बीएमसी ने नोटिस भेज दिया था, लेकिन इस नोटिस का जवाब अभी तक नहीं दिया गया है। बीएमसी ने मुंबई उपनगरीय कलेक्ट्रेट के सर्वे अधिकारियों को ‘प्रतीक्षा’ बंगले के तोड़े जाने वाले हिस्से को चिन्हित करने के निर्देश दे दिए हैं।

मीडिया खबरों के अनुसा, इसके लिए बंगले के आसपास की बिल्डिंग की दीवारों को 2019 में ही तोड़ा जा चुका है, लेकिन तब अमिताभ बच्चन के बंगले पर बीएमसी ने कार्रवाई नहीं की थी। अब अमिताभ के इस बंगले पर जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है।
क्यों तोड़ी जा रही बंगले की दीवार?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संत ज्ञानेश्वर मार्ग जो कि अमिताभ बच्चन के बंगले के करीब से गुजरते एक रोड का नाम है। यह मार्ग ‘प्रतीक्षा’ बंगले से शुरू होकर एस्कॉन मंदिर की ओर जाता है। जुहू में बच्चन परिवार द्वारा खरीदा गया यह पहला बंगला है। इसके अलावा इसी क्षेत्र में अमिताभ के तीन और बंगले हैं।
जुहू के संत ज्ञानेश्वर मार्ग की चौड़ाई फिलहाल सिर्फ 45 फुट है। बीएमसी इसकी चौड़ाई बढ़ाकर 60 फुट करना चाहती है, ताकि यहां आए दिन लगने वाले जाम से छुटकारा मिल सके।

इस रोड पर दो बंगले मौजूद है, जिसमे पहला बंगला उद्योगपति केवी सत्यमूर्ति और दूसरा अमिताभ बच्चन का। सत्यमूर्ति के बंगले का ज्यादा हिस्सा चौड़ीकरण के दायरे में आ रहा है। इसलिए उन्होंने BMC का नोटिस मिलने के बाद कोर्ट का रुख किया था।
जंहा से उन्हें स्टे मिल गया, लेकिन BMC के प्रयासों के बाद कोर्ट ने स्टे हटा दिया। स्टे हटने के बाद BMC ने तुरंत कार्यबाही करते हुए उद्योगपति का बंगला तोड़ दिया, लेकिन इसके बाबजूद अमिताभ बच्चन के बंगले को उस बक्त हाँथ तक नहीं लगाया गया।

जिसका विरोध उद्योगपति ने भी किया था। केवी सत्यमूर्ति द्वारा भी बीएमसी पर पक्षपात का आरोप लगाया जा रहा था। अब खबर है कि BMC अमिताभ बच्चन के बंगले पर भी कार्यबाही करने का मूड बना चुकी है।
फ़िलहाल बीएमसी इस पर कार्रवाई कब करने की तैयारी में है, इसे लेकर भी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। कई लोग बीएमसी द्वारा अमिताभ के बंगले पर कार्रवाई न करने को लेकर सवाल भी उठा रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि आखिर बीएमसी इस मसले पर क्या फैसला लेगी।