शाहरुख़ ने लता जी के पार्थिव शरीर पर दुआ के बाद फूंका, जानिये इस्लाम में इसका मतलब?

ले जा मेरी दुआएं, परदेस जाने वाले... स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं रही। लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार के दौरान तमाम नामी हस्तियां शिवाजी पार्क में मौजूद थीं। इन हस्तियों ने लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान शाहरुख खान भी उनमें से एक थे जिन्होंने लता मंगेशकर को अपना आखिरी सलाम दिया।
मृत्यु शैया पर सबकी प्यारी लता दीदी का पार्थिव शरीर था और हर कोई उनका दीदार कर अंतिम विदाई दे रहा था। इस दौरान की तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं, जहां शाहरुख और उनकी मैनेजर पूजा ददलानी, लता मंगेशकर की अंत्येष्टि के दौरान शिवाजी पार्क में नजर आए।
शाहरुख खान के लता जी के लिए दुआ और फूंक
बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान जब लता दीदी को आखिरी सलाम देने पहुंचे तो दुआ में उनके दोनों हाथ उठे। शाहरुख ने खुदा से लता दीदी की आत्मा की शांति के लिए दुआ की। दुआ पढ़कर मास्क हटाया और फूंक भी मारी। लता दीदी के दीदार किए और चरणों को छूकर अपना प्रेम-सम्मान जाहिर किया। हाथ जोड़कर नमन भी किया। बस क्या था? यही से एक विवाद सुरु हो गया।

दरअसल, कुछ नामकूल लोगो को शाहरुख़ का ये अंदाज पसंद नहीं आया। और उनपर बेबजह अनाप-सनाप आरोप मड दिए। यंहा तक कह दिया कि शाहरुख़ ने दुआ के बाद लता जी के पार्थिव शरीर पर थूका। बाकई ये कितना बेबुनियाद आरोप था, जो किसी भी सच्चे हिंदुस्तानी को हजम नहीं होता। और सोशल मीडिया पर शाहरुख़ के आलचकों को जमकर लताड़ लगा दी।
दुआ पढ़ने और फूंकने के पीछे है ये इस्लामिक परंपरा
अंतिम संस्कार समारोह में शाहरुख ने पूरी आस्तीन और कार्गो पैंट में सफेद टी-शर्ट पहनी थी। उन्होंने मंगेशकर के लिए 'दुआ' पढ़ी, फूल चढ़ाए और प्रार्थना की और अपना मास्क हटा कर लता मंगेशकर के शव पर फूंका। शाहरुख खान इस्लामिक तरीके से दिवंगत को आखिरी विदाई देते हुए नजर आए थे।
इस्लामिक परंपरा के मुताबिक, जब कोई दुआ की जाती है तो उसके लिए दोनों हाथों को उठाकर सीने तक लाना होता है और अल्लाह से मिन्नतें की जाती हैं। ये ठीक वैसे ही है, जैसे किसी के आगे झोली फैलाने की बात कही जाती है।

कुरान की आयतें और उनके शब्द मुकद्दस (पवित्र) होते हैं। कुरान की आयतों को पढ़ कर इंसान अपनी दुआओं को फूंकने के जरिए सामने वाले को सुपुर्द (पहुंचाता) करता है। किसी के स्वस्थ होने की दुआ, किसी की नौकरी की दुआ, या किसी आत्मा की शांति के लिए दुआ...दुआ कुछ भी हो सकती है।
शाहरुख ने लता दीदी के पार्थिव शरीर के सामने जो किया वो यही था। उन्होंने जरूर लता दीदी की रूह को सुकून मिलने की दुआ की होगी। शाहरुख जब अपने दोनों हाथ फैलाकर दुआ कर रहे थे तब उनके चेहरे पर ब्लैक मास्क था। करीब 12 सेकंड तक उन्होंने दुआ की और फिर मुंह से मास्क हटाया। मास्क हटाकर वो हल्का सा झुके और लता दीदी के पार्थिव शरीर पर फूंक मारी।
Fringe targetting @iamsrk by falsely accusing him of spitting at #LataMangeshkar Ji’s funeral should be ashamed of themselves. He prayed & blew on her mortal remains for protection & blessings in her onward journey. Such communal filth has no place in a country like ours 🤲🏼🙏🏼 pic.twitter.com/xLcaQPu1g8
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) February 6, 2022
इस्लामिक नजरिए से समझें, तो दुआ का ये तरीका बड़ा आम है। हमने-आपने भी मस्जिदों या दरगाहों पर ऐसे दृश्य देखे होंगे जब कोई मां-बाप अपने बच्चे के लिए मुफ्ती या मौलाना से दुआ करा रहे होते हैं, वो दुआ करते हैं और फिर बच्चे के ऊपर फूंक मारते हैं।
फूंकने का रिवाज दम करने से भी है। गंगा-जमुनी तहजीब वाले इलाकों में ऐसा देखने को मिलता है कि जब असर की (शाम की) नमाज के बाद हिंदु-मुस्लिम धर्मों के लोग अपने अस्वस्थ परिजनों को मस्जिद के बाहर लेकर आते हैं, और नामजी उन अस्वस्थ लोगों के ऊपर फूंकते हैं।
What was Shahrukh Khan doing when he removed mask?? #LataMangeshkar pic.twitter.com/pYz4nkClAj
— Rosy (@rose_k01) February 6, 2022
इस रिवाज को दम करना कहा जाता है हैं। यानी नमाजी पवित्र कुरान के शब्दों को पढ़ कर अपनी दुआएं उन तक सुपुर्द करते हैं, ताकि उन पर ऊपर वाले की रहमत हो। ऐसा बड़ों के लिए भी हो सकता है और किया भी जाता है क्योंकि दुआ किसी भी इंसान के लिए की जाती है। तंत्र-मंत्र विद्या में भी फूंक मारने का तरीका अपनाया जाता है।
हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि अगर दुआ पढ़कर फूंक मारी जाए तभी असर होता है, लेकिन ये भी दुआ का एक तरीका है। तो अबतो आप समझ ही गए होंगे कि मुमकिन है शाहरुख ने भी कोई ऐसी ही आयत पढ़कर लता दीदी के लिए दुआ की होगी।